नई दिल्ली: अमेरिकी बेबी प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन कम्पनी विवादों के घेरे से निकल नहीं पा रही है. इस बार राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) बाल अधिकारों से जुड़े शीर्ष संगठन ने अधिकारियों से जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी शैम्पू, पाउडर के नमूनों की जांच रिपोर्ट मांगी है.
इसके साथ एनसीपीसीआर ने राजस्थान के ड्रग कंट्रोलर की रिपोर्ट के आधार पर एक ऑर्डर जारी कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव को लिखा कि जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी शैम्पू की बिक्री को अगले नोटिस तक रोकी जाए साथ ही सभी प्रोडक्ट्स को मार्केट से हटाने का आदेश दिया.
Child rights body has asked all states to stop sale of Johnson’s baby shampoo after its sample was found to be of substandard quality#JohnsonAndJohnsonhttps://t.co/SgrbjXhVCZ
— Business Standard (@bsindia) April 28, 2019
हालांकि जॉनसन एंड जॉनसन कम्पनी यह दावा करती रही है कि शैम्पू सुरक्षित और नियामक मानकों के अनुकूल है. पर अब बेबी शैम्पू के साथ पाउडर भी शक के दायरे में है इसलिए एनसीपीसीआर ने राजस्थान के ड्रग कंट्रोलर के अधिकारियों से टैलकम पाउडर के नमूनों की जांच की रिपोर्ट जल्द से जल्द उपलब्ध कराने का आग्रह किया है.
दरअसल राजस्थान ड्रग कंट्रोल की रिपोर्ट में बेबी शैम्पू में कैसरकारी तत्वों की मौजूदगी पाई गई जिनसे कैंसर हो सकता है. इस रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए एनसीपीसीआर ने यह कदम उठाया है.
साथ ही एनसीपीसीआर ने इस मामले में हर क्षेत्र के कुछ राज्यों के मुख्य सचिवों को जॉनसन एंड जॉनसन बेबी टैलकम पाउडर और शैम्पू का नमूना एकत्र करवाने पर ध्यान देने को कहा है. इन राज्यों में दक्षिण से आंध्र प्रदेश, पूर्व से झारखंड, पश्चिम से राजस्थान, मध्य भारत से मध्य प्रदेश और पूर्वोत्तर से असम शामिल हैं.
बता दें कि 1 अप्रैल में आई रिपोर्ट के मुताबिक जॉनसन एंड जॉनसन का बेबी शैम्पू के नमूने राजस्थान में एकत्र किए गए थे जिनकी जांच में हानिकारक अवयव पाए गए. जिनसे कैंसर हो सकता है.
हालांकि इससे पहले भी जॉनसन एंड जॉनसन के कई प्रोडक्ट्स पर बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक कैंसरकारी तत्वों के होने की बात सामने आई हैं. विदेशो में इसके खिलाफ बड़ी कार्रवाई भी हुई हैं और कंपनी को करोड़ों का जुर्माना भी देना पड़ा हैं. गौरतलब है कि ड्रग्स रेगुलेटर की एक रिपोर्ट के अनुसार पहले भी बेबी पाउडर का सैंपल हिमाचल प्रदेश में जब्त किया था क्योंकि उसमें ड्रग्स रेगुलेटर के द्वारा कैंसर पैदा करने वाले तत्व पाए जाने की संभावना जताई थी. जिस पर कंपनी ने दावा किया था कि एक लाख से अधिक लोगों पर किए गए रिसर्च में भी किसी को कैंसर होने के प्रमाण नहीं मिले हैं.