सूरत : बलात्कारी आसाराम बापू के रेपिस्ट बेटे नारायण साईं को सूरत की सेशंस कोर्ट ने उमकैद की सजा सुनाई है. साथ उस पर एक लाख रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है. शुक्रवार यानी 26 अप्रैल को सूरत की रहने वाली दो बहनों के साथ बलात्कार के आरोप में नारायण साईं को दोषी करार दिया था. इस मामले में अदालत ने दोषी को सजा सुनाने के लिए 30 अप्रैल का दिन तय किया था.
नारायण साईं की सजा के ऐलान को लेकर सूरत पुलिस ने कोर्ट के आस-पास सुरक्षा के मद्देनजर किलेबंदी कर दी है. यहां नारायन साईं के समर्थकों के पहुंचने कि आशंका के चलते यह कदम उठाया गया है. कोर्ट में खासी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.
Gujarat: Narayan Sai, son of Asaram who was found guilty in a rape case by Surat Sessions Court, has been sentenced to life imprisonment. (file pic) pic.twitter.com/R80kNXo5v6
— ANI (@ANI) April 30, 2019
बताते चलें कि पुलिस ने पीड़ित बहनों के बयान और मौके से मिले सबूतों के आधार पर नारायण साईं और आसाराम के खिलाफ केस दर्ज किया था. नारायण साईं और आसाराम के खिलाफ रेप का ये केस करीब 11 साल पुराना है. पीड़िता छोटी बहन ने अपने बयान में नारायण साईं के खिलाफ ठोस सबूत देते हुए हर लोकेशन की पहचान की है. जबकि बड़ी बहन ने आसाराम के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था. आसाराम के खिलाफ फिलहाल गांधीनगर के कोर्ट में मामला चल रहा है.
नारायण साईं के खिलाफ कोर्ट अब तक 53 गवाहों के बयान दर्ज कर चुकी है, जिसमें कई अहम गवाह भी हैं, जिन्होंने नारायण साईं को लड़कियों को अपने हवस का शिकार बनाते हुए देखा था या फिर इस कृत्य में आरोपियों की मदद की थी, लेकिन बाद में वो गवाह बन गए.
नारायण साईं पर जैसे ही रेप के मामले में FIR दर्ज हुई, वैसे ही वह अंडरग्राउंड हो गया था. वह पुलिस से बचकर लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा था. तत्कालीन सूरत पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने नारायण साईं को गिरफ्तार करने के लिए 58 अलग-अलग टीमें बनाई और तलाशी शुरू कर दी.
एफआईआर दर्ज होने के करीब दो महीने बाद दिसंबर, 2013 में नारायण साईं हरियाणा-दिल्ली सीमा के पास से गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के वक्त नारायण साईं ने सिख व्यक्ति का भेष धर रखा था. खुद को कृष्ण का रूप बाताने वाले नारायण साईं की गिरफ्तारी के बाद उसके कृष्ण की तरह महिलाओं के बीच बांसुरी बजाने के कई वीडियो भी सामने आए थे.