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मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने का समर्थन, पर बातचीत से हल हो मसला : चीन

बीजिंग : चीन ने कहा कि वह जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का समर्थन करता है। हालांकि, वह यह चाहता है कि संयुक्त राष्ट्र की 1267 समिति के दायरे में यह मसला राजनीतिक विचार-विमर्श से हल किया जाए। इस मसले पर बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में अहम बैठक होने वाली है।

चीन ने कहा- हम समझते हैं कि इस पर सभी पक्ष एकमत हैं कि मसले का हल बातचीत के जरिए निकाला जाए। अभी 1267 समिति में इस पर विचार जारी है। इसमें सकारात्मक प्रगति हुई है। हम सभी पक्षों की साझा कोशिशों पर विश्वास करते हैं। इस समस्या को सही ढंग से सुलझाना चाहिए।

रिपोर्ट्स में दावा- मसूद को घोषित किया जा सकता है वैश्विक आतंकी

न्यूज एजेंसी ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से दावा किया है कि यूएन की बैठक में जैश सरगना को ‘ग्लोबल टेरेरिस्ट’ घोषित करने पर मुहर लगाई जाएगी। चीन ने चार बार इस मामले में वीटो का इस्तेमाल कर अड़ंगा लगाया। लेकिन, रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि अब चीन ने अपना रुख बदल लिया है।

तीन देश लाए थे प्रस्ताव
इस मसले पर 13 मार्च को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में विचार किया गया था लेकिन, तब चीन ने तकनीकि आधार पर इस प्रस्ताव का विरोध किया था। प्रस्तावकों में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस भी शामिल थे। पहले कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि चीन 15 मई तक रोड़ा हटा लेगा। लेकिन, अब ये कहा जा रहा है कि अमेरिका और बाकी देशों ने ये उसे ये साफ कर दिया कि मसूद मामले पर अब ज्यादा इंतजार नहीं किया जा सकता। अगर मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित किया गया तो दुनियाभर में जैश के तमाम वित्तीय लेनदेन पर रोक लग जाएगी और अकाउंट बंद कर दिए जाएंगे।

इमरान से मिले थे जिनपिंग
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान हाल ही में चीन के दौरे पर थे। इस दौरान उनकी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि चीन ने तभी इमरान को अपने फैसले की जानकारी दे दी थी। पुलवामा आतंकी हमले के बाद चीन पर दुनिया के कई देशों का दबाव था। मसूद अजहर पर बैन का फैसला वही कमेटी करेगी, जिसने अल-कायदा और आईएसआईएस पर प्रतिबंध लगाए थे। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने मंगलवार को कहा, “अमेरिका इस मामले को सुरक्षा परिषद में क्यों लेकर गया? जबकि इसका फैसला तो बातचीत के जरिए इसी समिति की बैठक में हो सकता था।”

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