ब्रुसेल्सः यूरोपियन यूनियन (ईयू ) ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को चेतावनी दी है कि उनके देश में अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे अत्याचार नहीं रोके गए तो उन्हें दी जा रही सब्सिडी बंद कर दी जाएगी। यूरोपियन संसद के 51 सदस्यों ने पत्र के जरिए इमरान से कहा कि पाक सरकार तत्काल प्रभाव से अपनी पक्षपातपूर्ण व्यवस्था को बदले। अगर ऐसा नहीं हुआ तो कारोबार के मामले में पाक को दी जा रही वरीयता भी समाप्त कर दी जाएगी।
Now European Union hits out at Pakistan. Slams Pak for treatment of minorities in Pak. Threatens to stop aid & subsidies. https://t.co/SaecCqxwhE abhi toh Pakistan ko aur zaleel hona baqi hai….
— GAURAV C SAWANT (@gauravcsawant) May 2, 2019
सरकार की शह पर काम कर रहे अतिवादी संगठन
सांसदों ने अपने पत्र में कहा है कि धार्मिक चरमपंथी संगठन पाक सरकार की शह पर काम कर रहे हैं। उनका प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। इन संगठनों से जुड़े लोग अक्सर अल्पसंख्यक समुदाय के पूजा स्थलों, घरों और काम करने की जगहों को निशाना बना रहे हैं। साल दर साल इस तरह की घटनाओं में इजाफा हो रहा है।
अल्पसंख्यकों पर हमला यूडीएचआर का उल्लंघन
सांसदों ने पाक सरकार को चेताया कि अल्पसंख्यकों पर हमले की घटनाएं संयुक्त राष्ट्र के यूनिवर्सल डिक्लेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स (यूडीएचआर) समझौते का उल्लंघन हैं। इस मसौदे के तहत संयुक्त राष्ट्र ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के हितों की रक्षा का प्रावधान किया है।
पूर्व की सरकारों पर भी निशाना साधा
सांसदों ने पाक की मौजूदा सरकार के साथ पूर्व की सरकारों पर भी निशाना साधा है। उनका कहना है कि कट्टर इस्लामी संगठनों ने सत्ता पक्ष की शह पर ही अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया है। ईसाई समुदाय की महिला आशिया बीबी के मामले का जिक्र करते हुए यूरोपियन यूनियन ने कहा है कि पाक सरकार के कट्टर धार्मिक कानूनों की वजह से गैर मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं।
कट्टरपंथी ईसाई और हिंदू लड़कियों को बना रहे निशाना
मूवमेंट फॉर सालिडरिटी एंड पीस इन पाकिस्तान की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सांसदों ने लिखा है कि अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़ी 1 हजार से ज्यादा लड़कियों को हर साल अगवा किया जाता है और फिर जबरन उनकी शादी मुस्लिम युवकों से करा दी जाती है। इनमें ईसाई और हिंदू लड़कियों की संख्या सबसे ज्यादा है।