भोपाल: मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से पहले भाजपा ने कांग्रेस सरकार के चार महीने कार्यकाल पर आरोप पत्र जारी किया है। इसमें कांग्रेस द्वारा किए गए वादों का पूरा नहीं करने का आरोप लगाया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राज्य की लगभग चार माह पुरानी कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि इसने किसानों समेत सभी वर्गों के प्रति वादाखिलाफी का कार्य किया।
श्री @ChouhanShivraj ने प्रदेश कार्यालय में पार्टी पदाधिकारियों के साथ कांग्रेस सरकार के खिलाफ आरोप पत्र जारी किया। pic.twitter.com/8hkvcAKxHp
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) May 4, 2019
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां प्रदेश भाजपा कार्यालय में पार्टी उपाध्यक्ष एवं प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे, वरिष्ठ नेता प्रभात झा और प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लूनावत की मौजूदगी में पत्रकार वार्ता में आरोपपत्र जारी किया। इसमें आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस सरकार ने किसानों के साथ ही प्रत्येक वर्ग के साथ पौने चार माह में वादाखिलाफी की। मौजूदा सरकार के रूप में ‘बंटाढार का नया अवतार’ सामने आया है।
लगभग सोलह पेज के आरोपपत्र में आरोप लगाया गया है कि नौजवान और श्रमिक भी इस सरकार की नीति से परेशान है। बिजली की समस्या भी शुरू हो गयी है। राज्य सरकार ‘तबादला उद्योग’ में व्यस्त है। सरकार लोगों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे पा रही है। कानून व्यवस्था की स्थिति भी किसी से छिपी नहीं है। सतना जिले में दो मासूम भाइयों की फिरौती के लिए अपहरण के बाद हत्या कर दी गयी। भोपाल में भी गंभीर अपराध हुए हैं। आरोपत्र में अन्य विभागों को लेकर भी आरोप लगाए गए हैं।
लुभावने वादों से सत्ता हासिंल की
शिवराज ने कहा कि यह राज्य का दुर्भाग्य ही है कि चार माह के अंदर ही राज्य सरकार के खिलाफ आरोपपत्र जारी करना पड़ रहा है। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान कई लुभावने वादे कर सत्ता हासिल कर ली। लेकिन यह अल्पमत की सरकार है और अपने वादे पूरे नहीं कर पा रही है। हमने सोचा था कि कांग्रेस को 15 वर्षों बाद मौका मिला है और यह राज्य के विकास कार्यों को निरंतर रखेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और राज्य की जनता में निराशा और हताशा घर कर रही है।
नहीं हुआ किसानों का कर्ज माफ
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंदसौर में चुनाव के पहले घोषणा की थी कि किसानों का दो लाख रूपए तक का कर्ज दस दिन में माफ नहीं हुआ, तो ग्यारहवें दिन मुख्यमंत्री बदल दिया जाएगा। लेकिन एक सौ दिन से अधिक होने के बावजूद किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ। इस आधार पर तो अभी तक राज्य में दस मुख्यमंत्री बदल जाना चाहिए थे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने किसानों की कर्जमाफी के नाम पर राहुल गांधी और मुख्यमंत्री कमलनाथ पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों के बयानों में विराेधाभास भी झलकता है। राहुल गांधी कहते हैं कि राज्य में दो घंटे में ही किसानों के कर्ज माफ कर दिए गए। वहीं कमलनाथ ने लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता लगने के कुछ घंटे पहले ही किसानों के कर्ज माफी के संबंध में हजारों किसानों को मोबाइल फोन पर संदेश भेजे कि लोकसभा चुनाव के बाद कर्ज माफ किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य में किसानों का कर्ज माफ करने के लिए 48 हजार करोड़ रूपयों की आवश्यकता है। राज्य सरकार ने बजट में सिर्फ पांच हजार करोड़ रूपयों का प्रावधान किया और बैंकों को 1300 करोड़ रूपयों का भुगतान किया। इस तरह किसानों के कर्ज कैसे माफ हो सकते हैं। उनका दावा है कि वे जहां भी सभा लेने जाते हैं, हजारों किसान हाथ उठाकर कहते हैं कि उनका कर्ज माफ नहीं हुआ है। इसी तरह कर्ज माफ नहीं होने के कारण खरगोन जिले के एक किसान ने आत्महत्या कर ली है।