येरुशलम: फिलिस्तीन के आतंकियों ने शनिवार देर रात से लेकर रविवार तक गाजा पट्टी से इजराइल पर करीब 700 रॉकेट दागे। इसमें इजराइल के 4 नागरिकों की मौत हुई। जवाबी कार्रवाई में फिलिस्तीन के 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 2014 के बाद यह पहली बार है जब इजराइल में रॉकेट हमलों से जनहानि हुई। हालांकि, हमला करने वाले देश के मुकाबले इजराइल में मृतकों की संख्या बेहद कम रही। इसकी एक वजह है देश की रक्षा करने वाला एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम आयरन डोम, जिसे सेना ने अभी गाजा से लगती सीमा पर तैनात किया है।
इजराइल का आयरन डोम इस वक्त दुनिया के सबसे आधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम में शुमार है। इसे राफेल एडवांस डिफेंस सिस्टम कंपनी ने बनाया है, जिसने भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) के साथ मिलकर बराक-8 मिसाइलों का निर्माण भी किया है।
600+ rockets launched at #Israel since yesterday.
150+ rockets intercepted by the Iron Dome.
Dozens of Israelis wounded.
15 seconds to run to shelter.
4 Israelis killed.
2 terror groups responsible.
1 country that will never surrender to terrorism.#IsraelUnderAttack pic.twitter.com/CzNbHvkrdX— Embassy of Israel (@IsraelinUSA) May 5, 2019
155 वर्ग किमी के दायरे में खत्म कर सकता है रक्षा
आयरन डोम मोबाइल लॉन्चर एक ट्रक के सहारे कहीं भी पहुंचाया जा सकता है। इसका डिटेक्शन-ट्रैकिंग रडार, वेपन कंट्रोल सिस्टम और मिसाइल फायरिंग यूनिट से मिलकर अचूक मानी जाती हैं। जहां रडार 4 से 70 किलोमीटर की दूरी तक के टारगेट की पहचान कर उन पर नजर रखता है। वहीं इसके चार से पांच लॉन्चर में एक बार में 20 मिसाइलें लगती हैं। यह मिसाइल गर्मी और इलेक्ट्रिक सेंसर वाली होती हैं और दूसरी मिसाइल से टकराकर उन्हें नष्ट कर देती हैं।
डिफेंस कॉन्ट्रैक्टर कंपनी रैथाॅन के मुताबिक, आयरन डोम की एक यूनिट करीब 155 वर्ग किलोमीटर के दायरे तक की रक्षा करने में सक्षम है। हालांकि, इन सिस्टम्स को अभी ज्यादा जनसंख्या वाले इलाकों में ही तैनात किया गया है, ताकि गाजा की तरफ से होने वाले हमलों को रोका जा सके।
650 Rockets being fired into Israel from Gaza in an attempt to overwhelm Israels Iron Dome: 173 intercepts, 4 people killed, and 28 wounded. What is @IlhanMN response to this violence? Will she condemn it? pic.twitter.com/Vb1Ymxygj6
— Katrina Pierson (@KatrinaPierson) May 5, 2019
8 साल से सीमा पर तैनात है सिस्टम
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजराइल ने मोबाइल डिफेंस सिस्टम को बनाने का काम साल 2007 से शुरू किया। 2009 में सफल टेस्टिंग के बाद 2011 में इसे गाजा सीमा पर तैनात किया गया। एक साल के अंदर ही इस सिस्टम ने गाजा से दागे गए करीब 400 रॉकेटों को निष्क्रिय कर दिया था।
भारत भी दिखा चुका है तकनीक में रुचि
खास बात यह है कि इस सिस्टम को खरीदने में भारत ने भी रुचि दिखाई है। इजराइल की न्यूज वेबसाइट ‘द टाइम्स ऑफ इजराइल’ वेबसाइट के मुताबिक, अब तक भारत सिस्टम के कई अचूक माने जाने वाले मल्टी मिशन रडार खरीद चुका है। इसके अलावा कुछ ही समय पहले कहा गया था कि भारत लंबे समय से आयरन डोम खरीदने के लिए इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ संपर्क में हैं।