नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 50% ईवीएम-वीवीपैट मिलान को लेकर 21 दलों की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी। याचिकर्ताओं की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट में पेश हुए थे। उन्होंने कहा- अगर 50% मुमकिन नहीं तो कम से कम 25% ईवीएम का वीवीपैट से मिलान कराया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम अपने पुराने आदेश में कोई बदलाव नहीं करने जा रहे।
Supreme Court rejects review plea filed by twenty-one Opposition parties seeking a direction to increase VVPAT verification from five to at least 50% of EVMs during counting of votes in the general elections 2019. pic.twitter.com/zUdZEUDXUw
— ANI (@ANI) May 7, 2019
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को ईवीएम और वीवीपैट के मिलान का दायरा बढ़ाने के लिए कहा था। कोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया था कि लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली सभी विधानसभाओं के पांच बूथों पर ईवीएम और वीवीपैट का मिलान किया जाए। इससे पहले हर विधानसभा के एक पोलिंग बूथ पर ही पर्चियों का मिलान होता था।
पहली याचिका भी 21 विपक्षी दलों ने दायर की थी
पहले भी 21 विपक्षी दलों ने इस व्यवस्था के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच विपक्षी पार्टियों की 50% पर्चियों के मिलान की मांग पर सहमत नहीं हुई थी। बेंच ने कहा था कि इसके लिए बड़ी संख्या में लोगों की जरूरत पड़ेगी, बुनियादी ढांचे को देखते हुए ये मुमकिन नहीं लगता।
अभी एक पोलिंग बूथ की ईवीएम और वीवीपैट का मिलान होता है
चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वीवीपैट स्लिप गिनने का मौजूदा तरीका सबसे उपयुक्त है। अभी विधानसभा चुनाव में एक पोलिंग बूथ पर ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान होता है। वहीं, आम चुनाव में लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी विधानसभा क्षेत्रों की एक-एक पोलिंग बूथ पर ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान होता है।