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मध्य प्रदेश में तीन दिन की देरी से आ सकता है मानसून

भोपाल. प्रदेशवासियों को इस बार गर्मी की मार थोड़े लंबे समय तक झेलनी पड़ सकती है। मानसून तय समय से तीन से चार दिन तक प्रदेश में दस्तक दे सकता है। हालांकि बीते कुछ सालों से मानसून तय समय पर मध्य प्रदेश नहीं पहुंचा है। इधर, मध्य प्रदेश के मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में ग्वालियर-चंबल, जबलपुर संभाग आंधी चलने की चेतावनी जारी की।

आमतौर पर मध्यप्रदेश में मानसून 11 जून तक दस्तक दे जाता है। राजधानी में 13 से 15 जून तक मानसून की पहली बारिश हो जाती है। मौसम का पूर्वानुमान बताने वाली एजेंसी स्काईमेट इस बार मानसून के तीन दिन की देरी से 4 जून को केरल पहुंचने का पूर्वानुमान जारी किया है। इसके अनुसार मध्य प्रदेश में भी मानसून देरी से ही आएगा।

स्काईमेट के प्रबंध निदेशक जतिन सिंह ने मंगलवार को बताया कि इस बार मानसून चार जून को केरल में दस्तक दे सकता है हालांकि इसमें दो दिन का एरर मार्जिन भी रखा गया है। मानसून कमजोर रहने का भी अनुमान है और स्थिति बहुत अच्छी नहीं दिख रही। उन्होंने कहा कि स्काईमेट मानसून के बारे में अपने पुराने पूर्वानुमान पर कायम है कि इस साल बारिश दीर्घावधि औसत का 93 प्रतिशत होगी। मध्य भारत में सबसे कम 91 प्रतिशत, पूर्व तथा पूर्वोत्तर में 92 प्रतिशत, दक्षिण में 95 प्रतिशत और पश्चिमोत्तर में 96 प्रतिशत बारिश का अनुमान है।

प्रदेश में दो तरफ से प्रवेश करता है मानसून : मप्र में अरब सागर से आने वाला मानसून मुंबई से होकर आता है। यह प्रदेश में सबसे पहले इंदौर सहित मालवा-निमाड़ में असर दिखाता है। वहीं, बंगाल की खाड़ी का मानसून छत्तीसगढ़ से होता हुआ मप्र में प्रवेश करता है। यह बालाघाट व जबलपुर के रास्ते मप्र में आता है। इसलिए यह मालवा तक आने में देर लगाता है। इसका प्रभाव पूर्वी मप्र में ज्यादा होता है। मौसम विभाग के अनुसार वर्तमान स्थिति तक दोनों ही सक्रिय है।

बदल गया पैटर्न : मौसम विभाग के भोपाल केंद्र के वैज्ञानिकों ने कुछ दशकों के आंकड़ों का अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला है कि मानसून के आने व जाने की तारीखें आगे बढ़ी हैं। अगले एक-दो सालों में मौसम विभाग के रिकॉर्ड में मानसून के आने की आधिकारिक तारीख अब 20 जून की जा सकती है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मानसून के आने का नॉर्मल पैटर्न बदला है। इसमें करीब सात से आठ दिन शिफ्ट हुए हैं। ऐसा माना जाता है कि सितंबर में मानसून लौट गया। इसलिए 30 सितंबर के पहले की बारिश ही मानसूनी मानी जाती है।

आंधी की चेतावनी: मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटों में रीवा, जबलपुर, उज्जैन एवं ग्वालियर संभाग में कहीं-कही बारिश हुई है। अगले 24 घंटों में ग्वालियर, चंबल, सागर संभाग और रीवा, सतना सीधी, नीमच मंदसौर जबलपुर, अनूपपुर, डिडोरी जिलों में करीब 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चल सकती है।

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