श्रीहरिकोटा: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रडार इमेजिंग अर्थ सैटेलाइट (रिसैट-2बी) बुधवार को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर दिया। इसे आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-सी46 रॉकेट से सुबह 5:27 बजे प्रक्षेपित किया गया। यह खुफिया निगरानी, कृषि, वन और आपदा प्रबंधन में मददगार होगा।
Indian Space Research Organisation (ISRO) launches PSLVC46 from Satish Dhawan Space Centre, Sriharikota. PSLVC46 will launch the RISAT-2B radar earth observation satellite into a 555 km-altitude orbit. pic.twitter.com/iY2paDVjls
— ANI (@ANI) May 22, 2019
615 किलोग्राम वजनी इस उपग्रह को प्रक्षेपण के 15 मिनट बाद पृथ्वी की कक्षा में छोड़ा गया। रिसैट की सेवा निरंतर बनी रहे, इसके लिए 300 किलोग्राम के रिसैट-2बी सैटेलाइट के साथ सिंथेटिक अपर्चर रडार (सार) इमेजर भी भेजा गया है। रिसैट-2बी को धरती से 555 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया गया।
ISRO: #PSLVC46 successfully injects #RISAT2B into Low Earth Orbit. pic.twitter.com/FoS7yroqGX
— ANI (@ANI) May 22, 2019
इसरो के सूत्रों के मुताबिक, बादल छाए होने पर रेगुलर रिमोट सेंसिंग या ऑप्टिकल इमेजिंग सैटेलाइट जमीन पर मौजूद चीजों की स्थिति ठीक से नहीं दर्शा पाते। सार इस कमी को पूरा करेगा। यह हर मौसम में चाहे रात हो, बादल हो या बारिश हो रही हो ऑब्जेक्ट की सही तस्वीर जारी कर सकता है। इससे आपदा राहत कार्य में लगे लोगों और सुरक्षाबलों को काफी मदद मिलेगी।
अब चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण की तैयारी
रिसैट-2बी के प्रक्षेपण से पहले इसरो प्रमुख के सिवन ने मंगलवार को तिरुपति के भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि अब इसरो चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसे 9 जुलाई से 16 जुलाई के बीच प्रक्षेपित किया जाना है। सिवन ने कहा कि इसरो को उम्मीद है कि चंद्रयान-2 का रोवर 6 सितंबर तक (चंद्रमा की सतह पर) उतार दिया जाएगा।
ISRO Chairman Dr. K Sivan: Chandrayaan 2 is going to be a landmark mission for India which will be launched between July 9th and 16th. Chandrayan 2 is the most challenging mission undertaken by ISRO. It will land at a place where no body else have landed before. (File pic) pic.twitter.com/WgJKnzrRwD
— ANI (@ANI) May 22, 2019