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वोटों की गिनती से पहले वीवीपैट मिलान की विपक्षी दलों की मांग चुनाव आयोग ने खारिज की

नई दिल्ली: ईवीएम और वीवीपैट के मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों के प्रतिनिधि मंडल ने बुधवार को भी चुनाव आयोग से मुलाकात की। आयोग ने विपक्षी दलों की उस मांग को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने वोटों की गिनती से पहले वीवीपैट पर्चियों के मिलान की अपील की थी। इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस, तेदेपा, तृणमूल और बसपा समेत 22 विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से मुलाकात की थी। विपक्षी दलों के प्रतिनिधि मंडल ने आयोग को ज्ञापन सौंपा था।

विपक्षी दलों ने कहा था- एक भी गड़बड़ी हो तो 100% मिलान किया जाए

गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को कहा था- विपक्षी दलों ने अपने ज्ञापन में चुनाव आयोग से अपील की है कि अगर विधानसभा क्षेत्र में चुने गए 5 पोलिंग स्टेशनों में से कहीं भी किसी तरह की गड़बड़ी मिलती है तो उस क्षेत्र के सभी पोलिंग स्टेशनों पर 100% वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया जाए। साथ ही वेरिफिकेशन वोटों की गिनती शुरू होने से पहले किया जाए, ना कि आखिरी दौर की गिनती खत्म होने के बाद।

सुप्रीम कोर्ट ने 100% वीवीपैट मिलान की याचिका भी खारिज की थी
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 100% ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों के मिलान की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने कहा था कि वह जनप्रतिनिधियों को चुनने की राह में हम आड़े नहीं आएंगे। यह याचिका कुछ टेक्नोक्रेट्स ने लगाई थी। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस एमआर शाह की वेकेशन बेंच ने कहा- इस मामले में सीजेआई पहले ही सुनवाई कर चुके हैं। अब आप दो जजों की वेकेशन बेंच के पास मौका क्यों तलाश रहे हैं। हम ऐसे किसी मामले की तुरंत सुनवाई नहीं करेंगे। हम सीजेआई के आदेश का उल्लंघन नहीं कर सकते। 7 मई को सीजेआई की बेंच ने 21 विपक्षी दलों द्वारा वीवीपैट और ईवीएम के 50% मिलान की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी।

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