हैदराबाद/गंगटोक/ईटानगर/भुवनेश्वर: आंध्रप्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों में वाईएसआर कांग्रेस को बहुमत मिल गया है। 46 साल के जगनमोहन रेड्डी राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे। वे 30 मई को शपथ ले सकते हैं। उन्होंने 69 साल के टेक सेवी मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेदेपा को करारी शिकस्त दी। तेदेपा दहाई अंकों पर सिमट गई। वाईएसआर कांग्रेस 152 सीटों पर आगे चल रही है। राज्य में बहुमत के लिए 175 सीटों में से 88 सीटें चाहिए। उधर, मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू आज अपना इस्तीफा राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन को सौंप सकते हैं।
ओडिशा में नवीन पटनायक लगातार पांचवीं बार सरकार बनाने जा रहे हैं। इससे पहले उन्होंने 2000, 2004, 2009 और 2014 में सरकार बनाई थी। उनकी पार्टी बीजद 115 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। राज्य में सरकार बनाने के लिए 74 सीटें (कुल 147) चाहिए। उधर, अरुणाचल में भाजपा और सिक्किम में पवन कुमार चामलिंग की पार्टी एसडीएफ आगे चल रही है। पवन पिछले 25 साल से सरकार के मुखिया हैं।
आंध्रप्रदेश: तेदेपा के वोट शेयर में 6% की गिरावट
इस चुनाव में तेदेपा के वोट शेयर में करीब 5.94% की गिरावट रही। इससे पार्टी को 2014 के मुकाबले (102 सीटें) 79 सीटों को नुकसान हुआ। उधर, वाईएसआर कांग्रेस के वोट शेयर में 5.7% का इजाफा हुआ है। इससे पार्टी को 85 सीटों का फायदा हुआ। भाजपा के वोट शेयर में भी डेढ़ फीसदी की गिरावट देखी गई। भाजपा और कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाई।
जगन ने 8 साल में पूरा किया सपना : वाईएसआर कांग्रेस के चीफ जगन मोहन रेड्डी आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता वाईएसआर राजशेखर रेड्डी के बेटे हैं। 2 सितंबर 2009 में हेलिकॉप्टर दुर्घटना में राजशेखर रेड्डी की मौत हो गई थी। उस वक्त कांग्रेस आलाकमान ने जगन को पार्टी की बागडोर नहीं दी। नाराज जगन ने पार्टी से अलग होने का फैसला लिया। 12 मार्च 2011 को वाईएसआर कांग्रेस का गठन किया। इसके बाद उन्होंने राज्य में पहला चुनाव 2014 में लड़ा और पार्टी ने 67 सीटें जीतीं। इस चुनाव में शानदार जीत पर जगन के एक करीबी नेता ने कहा कि आज उनका सपना पूरा हो गया।
विधानसभा की स्थिति : कुल सीटें- 175, बहुमत- 88
दल |
2019 में सीटें | 2019 में वोट शेयर |
2014 में सीटें |
2014 में वोट शेयर |
तेदेपा |
23 | 38.96% |
102 |
44.9 % |
वाईएसआर कांग्रेस |
152 | 50.30% |
67 |
44.6% |
भाजपा |
00 | 0.79% |
04 |
2.2% |
अन्य |
00 | 9.95% |
02 |
2% |
ओडिशा : भाजपा के वोट शेयर में14% का इजाफा, 10 सीटें भी बढ़ीं
ओडिशा की जनता ने बीजू जनता दल पर एक बार फिर भरोसा जताया है। इस चुनाव में पार्टी की सीटें कुछ कम हुई हैं, लेकिन वोट शेयर में करीब 1.03% का इजाफा हुआ है। भाजपा को सबसे ज्यादा फायदा हुआ। पार्टी को 20 सीटें मिलती दिख रही हैं। 2014 के चुनाव में भाजपा को सिर्फ 10 सीटें मिली थीं। पार्टी के वोट शेयर में करीब 14% का इजाफा हुआ है।
विधानसभा की स्थिति :
कुल सीटें : 147, बहुमत : 74 , 146 सीटों पर मतदान हुआ*
दल |
2019 में सीटें | 2019 में वोट शेयर |
2014 में सीटें |
2014 में वोट शेयर |
बीजद |
115 | 44.93% |
117 |
43.9 % |
कांग्रेस |
09 | 15.91% |
16 |
26% |
भाजपा |
20 | 32.21% |
10 |
18.2% |
अन्य |
02 | 6.95 % |
4 |
11.9% |
* एक सीट पर चुनाव टला: पतकुड़ा सीट पर बीजद के प्रत्याशी बेद प्रकाश अग्रवाल की मौत के बाद चुनाव टाल दिया गया था। ओडिशा विधानसभा की 146 सीटों के लिए चार चरणों में 73.83% मतदान हुआ था। 2014 में 73.9 मतदान हुआ था।
सिक्किम: कुल सीटें : 32, बहुमत: 17
विधानसभा की स्थिति :
दल |
2019 के रुझान (11/32 सीटें) |
2014 में सीटें |
2014 में वोट शेयर |
एसडीएफ |
04 |
22 |
55.8% |
एसकेएम |
07 |
10 |
41.4% |
नोटा |
00 |
4460 वोट |
1.4% |
- सिक्किम विधानसभा की 32 सीटों के लिए 11 अप्रैल को 78.72% मतदान हुआ। यह पिछले चुनाव से 4.78% कम था। 2014 में 83.5% मतदान हुआ था।
- सिक्किम में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के पवन कुमार चामलिंग की साल 1994 से सरकार है। वे लगातार सबसे ज्यादा वक्त (25 साल) तक मुख्यमंत्री रहने वाले वाले इकलौते नेता हैं। राज्य में एसडीएफ का मुकाबला सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) से है।
अरुणाचल प्रदेश: कुल सीटें : 60, बहुमत : 31
विधानसभा की स्थिति
दल |
2019 के रुझान (19/57* सीटें) |
2014 में सीटें |
2014 में वोट शेयर |
कांग्रेस |
00 |
42 |
50% |
भाजपा |
14 |
11 |
31.1% |
जेडीयू |
03 |
5 |
9.1% |
अन्य |
02 |
2 |
5% |
* तीन सीटों पर भाजपा र्निविरोध जीती : अरुणाचल प्रदेश की 60 में से 57 सीटों पर चुनाव हुए। 11 अप्रैल को 74.03% मतदान हुआ। पिछले चुनाव की तुलना में 7% वोटिंग ज्यादा हुई। तीन सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए।
राज्य में पेमा खांडू के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है। कांग्रेस ने 2014 विधानसभा चुनाव में 42 सीटें जीती थीं। पेमा खांडू के नेतृत्व में सरकार बनी। बाद में कांग्रेस के असंतुष्ट नेता पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल में शामिल हो गए थे। फिर सभी नेताओं ने भाजपा ज्वॉइन कर ली। इस चुनाव में भाजपा को कोनराड संगमा के नेतृत्व वाली एनपीपी से टक्कर मिल रही है। संगमा की पार्टी पहली बार चुनाव लड़ रही है। चुनाव से पहले भाजपा के 18 नेता एनपीपी में शामिल हो गए थे।