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साध्वी प्रज्ञा 3 लाख से ज्यादा वोटों से जीतीं

भोपाल: भोपाल लोकसभा सीट पर भाजपा की प्रज्ञा ठाकुर ने जीत दर्ज की है। उन्होंने कांग्रेस के दिग्विजय सिंह को 3 लाख 64 हजार 822 मतों से करारी शिकस्त दी है। 28 राउंड की मतगणना के बाद साध्वी प्रज्ञा ने जीत हासिल की। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पहले ही हार स्वीकार कर ली थी। उन्होंने कहा- भोपाल के मतदाता भाइयों-बहनों के जनादेश को स्वीकार करता हूं।

बता दें कि प्रदेश में सबसे ज्यादा 30 उम्मीदवार भोपाल सीट से मैदान में हैं। मुख्य मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर के बीच है। 12 मई को हुए मतदान में इस ससंदीय क्षेत्र के इतिहास में सबसे ज्यादा 65.69 फीसदी मतदान हुआ था।

जीत का सर्टिफिकेट लेने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने कहा, आज कोई नकारात्मक बात नहीं है, पॉजिटिव ही रहना है। कम समय में इतनी बड़ी जीत कैसे हुई। इसके जवाब में प्रज्ञा ने कहा यह जनता है, सब जानती है सब ने उनका पुराना कार्यकाल देखा था। मोदी जी ने देश के लिए बहुत कुछ किया है और वह आगे भी बहुत कुछ करेंगे। चुनाव का मुख्य मुद्दा राष्ट्रवाद था और वह जीता है। वंशवाद हारा है। मोदी विकास की राह पर देश को ले जा रहे हैं और हम सब उनके इस विश्वास के साथ उनके साथ हैं।

ढोल-नगाड़े और आतिशबाजी के साथ पुरानी जेल स्थित मतगणना स्थल तक पहुंची। प्रज्ञा ठाकुर उनके साथ समर्थकों का काफी हुजूम था। इसमें पूर्व विधायक उमाशंकर गुप्ता, निवर्तमान सांसद आलोक संजर और विधायक कृष्णा गौर भी साथ में थी इसके अलावा भी कई नेता उनके साथ रहे। उन्हें एक सुरक्षा घेरे में रखा गया, उनके आसपास पुलिस निजी सुरक्षा गार्ड और समर्थकों ने एक घेरा बना कर रखा था। इस घेरे के अंदर किसी को भी जाने की अनुमति नहीं थी। कलेक्टर से जीत का प्रमाण पत्र लेने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने समर्थकों का अभिवादन करते हुए जेल गेट के बाहर सभी का मुंह मीठा कराया। उन्होंने अपने हाथ से आलोक संजर समेत कई नेताओं को लड्डू खिलाया।

विधानसभा वार स्थिति 

मध्य विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह 27172 मतों से आगे। उत्तर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह 19000 मतों से आगे।

वहीं दक्षिण-पश्चिम विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा 20000 मतों से आगे रहीं। नरेला विधानसभा से साध्वी प्रज्ञा 13687 मतों से आगे।

गोविंदपुरा से साध्वी प्रज्ञा 30000 मतों से आगे रहीं। हुजूर विधनसभा से साध्वी प्रज्ञा 64226 मतों से आगे रहीं। बैरसिया विधनसभा से साध्वी प्रज्ञा 25000 मतों से आगे रहीं।

सीहोर विधानसभा से साध्वी 23000 मतों से आगे रहीं। दो राउंड में लीड लेने के बाद प्रज्ञा ठाकुर सीहोर के प्रसिद्ध गणेश मंदिर में दर्शन के लिए जा रही हैं।

राउंड प्रज्ञा सिंह दिग्विजय सिंह अंतर
1 41595 22089 19506
2 34524 25455 9069
3 31160 27056 4104
4 41231 23339 17892
5 39627 21152 18475
6 37322 23357 13965
7 32658 24661 7997
8 37036 21665 15371
9 26686 23610 13076
10 39057 21514 17543
11 39623 24380 15243
12 39871 22025 17846
13 37851 23722 14129
14 36811 23545 13266
15 40916 20360 20556
16 40495 18511 21984
17 36538 24227 12311
18 30714 30699 15
19 38189 18474 19710
20 29959 15139 14820
21 27042 9450 17592
22 15428 9204 6224
23 16240 7731 8509
24 16311 5723 10588
25 16241 5240 11001
26 17999 5446 12553
27 11000 2909 8091
28 3166 1165 2001

तीन दशक से भाजपा का कब्जा

भोपाल संसदीय क्षेत्र 1984 से भाजपा का गढ़ है। पिछले आठ चुनाव से यहां भाजपा का कब्जा है 1984 से पहले यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी। पूर्व मुख्य सचिव रहे स्वर्गीय सुशीलचंद वर्मा यहां से 4 बार सांसद रहे। बाकी तीन चुनावों में पूर्व मुख्यमंत्रियों में उमा भारती और कैलाश जोशी यहां से जीते। 2014 के चुनाव में आलोक संजर ने कांग्रेस के पीसी शर्मा को पराजित किया। आलोक संजर ने कांग्रेस प्रत्याशी पीसी शर्मा को 3,70,696 वोटों से हराया था।

रिकॉर्ड वोटिंग

भोपाल सीट पर 1957 से लेकर अब तक हुए चुनाव में पहली बार 2019 में सबसे ज्यादा 65.69 फीसदी मतदान हुआ। 2014 में 57.79 फीसदी मतदान हुआ था। भोपाल सीट पर सिर्फ दो बार ही ऐसे मौके आए, जब मतदान का प्रतिशत 60 के अधिक रहा। पहली बार 1977 में इमरजेंसी के बाद हुए चुनाव में 61.76% और दूसरी बार 1999 में 61.88%। 1957 में भोपाल में पहला लोकसभा चुनाव हुआ था। इसमें कांग्रेस की मैमुना सुल्तान जीती थीं।

 

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