वॉशिंगटन: अमेरिका की प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन ने अपने ताजा अंक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने भारत को एक सूत्र में पिरोया है। पिछले कई दशकों में कोई दूसरा प्रधानमंत्री यह काम नहीं कर सका। मोदी ने पिछली बार की तुलना में ज्यादा लोगों का समर्थन जुटाकर सत्ता फिर से हासिल की। मैगजीन के मुताबिक- भारत की सबसे बड़ी फॉल्ट लाइन द क्लास डिवाइड (जातिगत विभाजन) को ही लगभग खत्म कर दिया है। इसी मैगजीन ने 10 मई के अंक में मोदी को ‘इंडियाज डिवाइडर इन चीफ’ बताया था।
TIME’s new international cover: Can the world’s largest democracy endure another five years of a Modi government? https://t.co/oIbmacH9MS pic.twitter.com/IqJFeEaaNW
— TIME (@TIME) May 9, 2019
वेबसाइट पर मंगलवार को आया लेख
टाइम की वेबसाइट पर मंगलवार को यह लेख छपा है। इसे मनोज लाडवा ने लिखा है। वह ब्रिटेन की कंपनी इंडिया इंक के सीईओ हैं। इसके जरिए ही इंडिया ग्लोबल बिजनेस का प्रकाशन किया जाता है। हालांकि, ताजा लेख मैगजीन की कवर स्टोरी नहीं है। इस बार टाइम के कवर पेज पर अमेरिका की डेमोक्रेट नेता एलिजाबेथ वॉरेन को जगह मिली है। वॉरेन वहां के राष्ट्रपति चुनाव में दावेदार हैं।
लेख में कहा गया है कि मोदी ने ऐसे सामाजिक परिवेश में जन्म लिया, जिसे पिछड़ा माना जाता था। शीर्ष पर पहुंचने के दौरान उन्होंने खुद को कुछ इस तरह से देश के गरीब और लाचार तबके से संबद्ध किया, जो काम नेहरू-गांधी परिवार आजादी के 72 सालों बाद भी नहीं कर सका। लाडवा लिखते हैं- अपने पहले कार्यकाल के दौरान मोदी को अपनी नीतियों के लिए बेवजह आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। इस मैराथन चुनाव में उन्होंने सारे देश को एक सूत्र में पिरोते हुए आश्चर्यचकित करने वाली जीत हासिल की। मोदी सरकार ने हिंदुओं के साथ अल्पसंख्यक समुदाय को भी गरीबी रेखा से बाहर निकाला।
चुनाव के दौरान मोदी की आलोचना की थी
लोकसभा चुनाव से पहले टाइम ने मोदी को 2019 में अपने कवर पेज पर जगह दी थी। इसमें मैगजीन ने पूछा- क्या विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र फिर से मोदी को पांच साल का मौका देने को तैयार है? मैगजीन ने अपने कवर पेज पर ‘इंडियाज डिवाइडर इन चीफ’ शीर्षक से मोदी का फोटो लगाया था। मोदी पर आधारित यह लेख आतिश तासीर ने लिखा। इससे पहले टाइम ने 2014, 2015 और 2017 में मोदी को विश्व के 100 सर्वाधिक प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में शामिल किया था।
‘नाकाम हैं, तभी राष्ट्रवाद का सहारा ले रहे’
मैगजीन ने पहले लिखा था कि 2014 में लोगों को आर्थिक सुधार के बड़े-बड़े सपने दिखाने वाले मोदी अब इस बारे में बात भी नहीं करना चाहते। अब उनका सारा जोर हर नाकामी के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराकर लोगों के बीच राष्ट्रवाद की भावना का संचार करना है। भारत-पाक के बीच चल रहे तनाव का फायदा उठाने से भी वह नहीं चूकते। बेशक मोदी फिर से चुनाव जीतकर सरकार बना सकते हैं, लेकिन अब उनमें 2014 वाला करिश्मा नहीं है। तब वे मसीहा थे। लोगों की उम्मीदों के केंद्र में थे।
मतदान के बाद मैगजीन ने मोदी के जीतने की बात कही
हालांकि, चुनाव के बाद टाइम की पत्रकार एलिसा एयरेस ने अपनी स्टोरी में मोदी को दूसरा कार्यकाल मिलने की बात कही थी। वे राष्ट्रपति बराक ओबामा प्रशासन में डिप्टी असिस्टेंट सेक्रेट्री रही थीं। फिलहाल ने काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में सीनियर फेलो हैं।