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राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने हड़ताल वापस ली, समस्याओं के निराकरण के लिए बनाई जाएगी समन्वय समिति,

भोपाल: भारतीय किसान यूनियन का आंदोलन शुरू हो गया है। भोपाल के मिसरोद इलाके में किसानों ने सड़क पर दूध और सब्जियां सड़क पर फेंक आंदोलन की शुरुआत की। उनका आंदोलन तीन दिन जारी रहेगा। हड़ताल को देखते हुए पुलिस और प्रशासन अलर्ट पर है। वहीं राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने एक से पांच जून तक किया जाने वाला आंदोलन मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद वापस ले लिया है।

मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ समन्वय भवन में राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा ‘कक्काजी’ के साथ सौ किसानों की बेठक हुआ। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की समस्याओं के हल के लिए किसानों और सरकार के बीच एक समन्वय समिति बनेगी और जल्द से जल्द किसानों की समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। किसानों की कर्जमाफी के लिए एक निराकरण समिति बनाई जाएगी। जो तय वक्त के अंदर इस मसले को हल करेगी। बैठक में संगठन ने किसानों के मुद्दे पर सात दिन का विशेष सत्र बुलाने की भी मांग की है। भूमि अधिग्रहण कानून खत्म करने की मांग भी उठाई गई।

विशेष सत्र की मांग: बैठक के बाद राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा ने कहा कि बातचीत सकारात्मक दिशा में चल रही है। मुख्यमंत्री ने खुद समिति बनाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सरकार विधानसभा का कम से कम सात दिन का विशेष सत्र किसानों की समस्याओ पर चर्चा के लिए बुलाए। इधर खबर है कि मुख्यमंत्री ने आज रात हड़ताल कर रहे भारतीय किसान यूनियन के सदस्यों को भी बातचीत के लिए मंत्रालय बुलाया है।

इधर सड़कों पर किसान: हड़ताल कर रहे यूनियन के अध्यक्ष अनिल यादव ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि पूरे प्रदेश के किसान सड़कों पर उतर आए हैं। जबतक उनकी मांगे पूरी नही हो जाती तबतक उनका आंदोलन तीन दिन जारी रहेगा। पूरे मालवा-निमाड़ क्षेत्र में भी हड़ताल शुरू हो गई है। किसान अपनी 7 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। यादव ने कहा कि  प्रदेश सरकार ने जब किसानों की कर्जमाफी की घोषणा की तो किसानों को बैंकों ने डिफॉल्ट घोषित कर दिया, जिसके बाद अब किसानों को बैंकों से लोन नहीं मिल पा रहा है। जिसके चलते किसान खाद और बीज नहीं खरीद पा रहा है।इसलिए वो सरकार से मांग कर रहे हैं कि वो समितियों को निर्देश दें कि किसानों को खाद उपलब्ध हो। किसानों को आज भी उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है, जिससे किसान कर्ज के जाल में फंसते जा रहे हैं।

कृषिमंत्री के साथ बेनतीजा रही थी बैठक: मंगलवार शाम किसान यूनियन की कृषि मंत्री सचिन यादव के साथ हुई बैठक बेनतीजा रही थी। यदि यह हड़ताल अपने निर्धारित तीन दिन तक चली तो शहरों में दूध, सब्जी आदि की किल्लत हो सकती है। भारतीय किसान यूनियन कर्ज माफी, समर्थन मूल्य, अपनी उपज का मूल्य तय करने के अधिकार आदि मांगों को लेकर हड़ताल पर जा रहा है।

प्रशासन सतर्क सरकार किसान संगठनों की गतिविधियों पर नजर रखे हुए है। आमजन की जरूरतों से जुड़ी वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित नहीं होने दी जाएगी। इसके लिए कलेक्टरों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया। यूनियन के पदाधिकारी मंगलवार को कृषि मंत्री सचिन यादव से मिले और उन्हें अपनी मांगों के बारे में बताया था।

यूनियन के प्रदेश महामंत्री अनिल यादव ने बताया कि चर्चा के दौरान कृषि मंत्री का रूख सकारात्मक था, लेकिन कर्जमाफी का मामला उनके अधीन नहीं। इसलिए उनके आश्वासन पर भरोसा करना मुश्किल। मुख्यमंत्री हमसे मिलना नहीं चाहते, यदि वे मिलते तो कोई हल निकलता। कृषि मंत्री से हुई बातचीत से सभी जिला अध्यक्षों को अवगत करा दिया है

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