उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एक बार फिर जहरीली शराब ने कहर बरपाया है. बाराबंकी में रामनगर के रानीगंज में ज़हरीली शराब पीने से अब तक 17 लोगों की मौत हो गई है. पिछले 10 सालों में 8 बड़ी घटनाएं हुई हैं, जिनमें 800 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन 2006 से 2015 तक जहरीली शराब पीकर करीब 12000 लोगों की मौत हुई है. औसतन 1200 लोग हर साल जहरीली शराब के शिकार बनते हैं.
2006 में जहरीली शराब पीने से 685 लोगों की मौत हुई थी. यह 2015 तक करीब ढाई गुना बढ़कर 1522 हो गई. इन दस सालों में मारे गए 12 हजार लोगों में से करीब 3000 तो महिलाएं ही थीं. जहरीली शराब से जिन पांच राज्यों में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं, उनमें तमिलनाडु, कर्नाटक, पंजाब, प. बंगाल और गुजरात हैं. इसके बाद उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, मध्यप्रदेश और बिहार हैं. इन दस वर्षों में सिर्फ लक्षद्वीप, मणिपुर और सिक्किम ही ऐसे राज्य हैं, जिनमें एक भी मौत नहीं हुई.
10 साल की 8 बड़ी घटनाएं, 800 लोगों की मौत
मई 2008- कर्नाटक में 180 लोगों की मौत.
दिसंबर 2011- पश्चिम बंगाल में 170 लोगों से ज्यादा की मौत.
फरवरी 2012- ओडिशा के कटक में 35 लोगों की मौत.
अक्टूबर 2013- उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में 40 की मौत.
जनवरी 2015- उत्तर प्रदेश के उन्नाव में 32 की मौत.
जून 2016- मुंबई में 100 से ज्यादा लोगों की मौत.
फरवरी 2019- उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 99 और असम में 150 लोगों की मौत.