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मोदी सरकार 2: मोदी कैबिनेट में मध्य प्रदेश से 5 मंत्री, नरेंद्र तोमर को फिर मिली जगह

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव में NDA को मिली बंपर जीत के बाद आज पीएम नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजे बीजेपी के लिए उम्मीद से ज्यादा बेहतर रहे. बीजेपी ने अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन करते हुए राज्य की 29 में 28 सीटें अपने नाम की. राज्य में बेहतर प्रदर्शन के बाद कैबिनेट में भी एमपी के कई चेहरों को शामिल किया गया है. आइए जानते हैं मध्य प्रदेश के उन नेताओं को जिन्हें मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली है.

नरेंद्र सिंह तोमर
मध्य प्रदेश में बीजेपी के दिग्गज नेता और मुरैना से सांसद चुने गए नरेंद्र सिंह तोमर को एक बार फिर मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया है. पिछली बार भी तोमर मोदी कैबिनेट में मंत्री बनाए गए थे. 2014 में तोमर ने ग्वालियर से लोकसभा का चुनाव जीता था लेकिन 2019 में उन्होंने मुरैना से चुनाव लड़ा. तोमर ने इस बार कांग्रेस के रामनिवास रावत को शिकस्त दी है.

प्रहलाद सिंह पटेल
प्रहलाद सिंह पटेल का जन्म 28 जून 1960 को मध्य प्रदेश में हुआ. वह दमोह लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीते हैं. दमोह लोकसभा से मोदी लहर में बीजेपी प्रत्याशी प्रहलाद पटेल ने 3 लाख से अधिक मतों से जीत हासिल की. वाजपेयी मंत्रालय में वह कोयला राज्य मंत्री थे. वह पहली बार 1989 में 9वीं लोकसभा के लिए चुने गए और फिर 1996 में (11वीं लोकसभा) के लिए चुने गए, 1999 में 13वीं लोकसभा (तीसरी बार), 2014 में 16वीं लोकसभा (चौथी बार) में भी वह दमोह से चुने गए. वह पेशे से वकील हैं.

फग्‍गन सिंह कुलस्‍ते
मध्य प्रदेश की मंडला लोकसभा सीट से जीते फग्‍गन सिंह कुलस्‍ते को इस बार फि‍र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में जगह मिली है. कुलस्‍ते पहले भी केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. इन्हें बीजेपी का बड़ा आदिवासी चेहरा माना जाता है.

थावरचंद गहलोत
मध्य प्रदेश में बीजेपी के जाने-पहचाने चेहरे, पार्टी के पुराने वफादार और आरएसएस के कार्यकर्ता 71 साल के थावरचंद गहलोत को लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में स्थान मिला है. 2014 में उन्हें कैबिनेट मंत्री के तौर पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया था. वह मध्यप्रदेश से साल 2012 से राज्यसभा के सांसद हैं. गहलोत 1996 से 2004 तक चार बार शाजापुर लोकसभा क्षेत्र (वर्तमान में देवास लोकसभा क्षेत्र) से विजयी रहे हैं. साल 2009 में वह कांग्रेस नेता और फिलहाल प्रदेश सरकार के मंत्री सज्जन सिंह वर्मा से लोकसभा चुनाव हार गये.

धर्मेन्द्र प्रधान
धर्मेन्द्र प्रधान को एक बार फिर मोदी कैबिनेट का हिस्सा बनाया गया है. अभी वो मध्य प्रदेश के राज्यसभा के सांसद हैं. पूर्व केन्द्रीय भूतल परिवहन राज्य मंत्री देबेन्द्र प्रधान के बेटे धर्मेन्द्र प्रधान ने मोदी सरकार की घरेलू रसोई गैस उपलब्ध कराने की सबसे बड़ी सामाजिक पहल-उज्ज्वला को आगे बढ़ाया. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में गरीब महिलाओं को रसोई गैस का कनेक्शनल निशुल्क उपलब्ध कराया गया. इस योजना के जरिये बीजेपी को ग्रामीण क्षेत्र में अपना आधार मजबूत करने में काफी मदद मिली. साल 2014 में मोदी सरकार के सत्ता संभालने के बाद प्रधान को महत्वपूर्ण माने जाने वाले पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई

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