भारतीय वायुसेना ने आखिरकार पिछले कई दिनों से लापता चल रहे AN-32 विमान का पता लगा ही लिया है. मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश में जंगलों के बीच विमान का मलबा करीब 9 दिनों के बाद मिला. इस विमान में 13 वायुसेना के सदस्य मौजूद थे, अभी मलबा तो मिल गया है लेकिन सवारों का पता नहीं चला है. अभी भी वायुसेना का ये अभियान जारी है.
इसके लिए वायुसेना, आर्मी और आम लोगों की मदद ली जा रही है. जिस जगह विमान का मलबा मिला है वहां पर जवानों को एयरड्रॉप किया गया है. यहां पर अब क्रैश साइट पर लोग जा रहे हैं, इसी दौरान टीम लापता 13 लोगों को खोजेगी.
Video from rescue chopper this morning of the An-32 wreckage. (Source: Arunachal Pradesh Govt) pic.twitter.com/kcNPvHlokr
— Shiv Aroor (@ShivAroor) June 12, 2019
विमान की तलाशी, इसके लिए चले अभियान
1. तीन जून को अरुणाचल प्रदेश में लापता हुआ था भारतीय वायुसेना का AN-32 विमान, इसमें कुल 13 लोग सवार थे.
2. मंगलवार को खोज के दौरान एमआई-17 हेलिकॉप्टर ने 12,000 फुट की अनुमानित ऊंचाई पर टेटो के उत्तर-पूर्व में लापता ट्रांसपोर्टर विमान एएन-32 के मलबे को लीपो में देखा.
3. वायुसेना की कोशिश अब मलबे वाली जगह पर पहुंच ब्लैक बॉक्स और CVR की तलाश करने की है.
4. मलबे वाली जगह अब चीता-ALH हेलिकॉप्टर को भेजा गया है. जल्द ही यहां पर जमीनी दस्ते को भी भेजा जाएगा, जिसमें गरुड़ कमांडो भी शामिल हैं.
5. 3 जून को रूसी एएन-32 विमान ने असम के जोरहाट एयरबेस से चीनी सीमा के नजदीक अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिले के मेचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड के लिए उड़ान भरी थी. विमान का दोपहर 1.30 बजे ग्राउंड स्टाफ से संपर्क टूट गया था.
6. पूर्वी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल आर.डी. माथुर खोज और बचाव कार्यो की निगरानी कर रहे हैं.
7. वायुसेना ने 8 जून को लापता विमान के स्थान का पता या इससे संबंधित जानकारी देने के लिए पांच लाख रुपये इनाम की घोषणा की थी.
8. विमान का पता लगाने के लिए एमआई-17 हेलीकॉप्टर, एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर, एसयू-30 एमकेआई, सी130 और आर्मी यूएवी को सेवा में लगाया गया था.
9. भारतीय नौसेना के लॉन्ग रेंज मैरीटाइम टोही विमान पी-8आई और उपग्रहों का भी लापता विमान को खोजने के लिए उपयोग किया गया.
10. इसके अलावा, भारतीय सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), स्थानीय पुलिस और अन्य एजेंसियों की टीमें विमान के लापता होने के दिन से जमीनी स्तर पर खोज अभियान में शामिल थीं.