- अभिमत

कमलनाथ : आल इज नॉट वेल

प्रतिदिन
कमलनाथ : आल इज नॉट वेल
बहुत जोरों से फिर हवा चली थी कि कमलनाथ मंत्रीमंडल की सर्जरी करके कुछ बड़बोलों के कद छोटे कर देंगे | हवा निकल गई, पता नहीं किधर गई  | मंत्रीमंडल के मुखिया यानी खुद कमलनाथ की वास्तव में सर्जरी हो गई | शनिवार को सुबह हमीदिया शासकीय अस्पताल में भर्ती हुए और  11 बजे उनके दाहिने हाथ की अंगुली का ऑपरेशन हो गया। वे शीघ्र स्वस्थ हो, क्योंकि उन्हें प्रदेश और देश उनके खिलाफ खुले मोर्चे उन्हें ही फौरन संभालना होंगे |
वैसे उनकी इस अपील का असर हुआ है कि जनता अस्पताल में उनसे मिलने ना आएं, जनता को भी इस बहाने थोडा आराम हो गया । जनता खुश है रोज डाक्टरों के हाथ होने वाली फजीहत कुछ दिन तो टली, वैसे हमीदिया अस्पताल के खाते में यह अपयश है कि डाक्टर जो मरीज वहां देखते हैं उसका इलाज बाहर किसी नर्सिंग होम में करते हैं  | वैसे मुख्यमंत्री किसी से मिल ही कहाँ पाते हैं, उनके मंत्री यही शिकायत यहाँ-वहां करते हैं | इस “अभेंट” का सिलसिला दिल्ली से ही चला है, मुख्यमंत्री अपने नेताओं से मिलने गये थे नहीं मिल सके तो अमित शाह से ही मिल आये | प्रधानमन्त्री से तो वैसे भी मानसून में मुख्यमंत्रियों को मिलते ही रहना  चाहिए | सूखा और बारिश मिलन की वेला होते ही है |
मुख्यमंत्री कमलनाथ  के सितारे वैसे भी इन दिनों गर्दिश में दिखते हैं, उनके पीछे हाथ धोकर पड़े अकाली दल के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने १९८४  सिख दंगों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बनाई गई एसआईटी के चेयरमैन से मिल आये | सिरसा ने उसके बाद कहा कि उन्‍होंने इस मामले में मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री कमलनाथ की भूमिका की जांच करने की मांग की, जिस पर एसआईटी की ओर से भरोसा दिलाया गया कि जांच दल इस मामले को दोबारा खोल रहे हैं और उनका प्राथमिक फोकस सीएम कमलनाथ की भूमिका की जांच पर होगा| मनजिंदर सिंह सिरसा ने यह भी कहा है कि इस मामले में गठित की गई एसआइटी अब उन मामलों की भी जांच कर सकेगी जो या तो बंद हो चुके हैं या फिर उनका ट्रायल पूरा हो गया है|  | वैसे एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए डीएसजीपीसी लंबे समय से कमलनाथ की भूमिका की जांच की मांग करता रहा है| डीएसजीपीसी का आरोप है कि कांग्रेस पिछले ३५  साल से कमलनाथ को बचा रही है, जबकि उनके खिलाफ पर्याप्‍त साक्ष्‍य मिले हैं | शिरोमणि अकाली दल भी इस मामले में कमलनाथ के खिलाफ है| शिअद ने जारी बयान में कहा है कि विशेष जांच टीम ने डीएसजीएमसी को गवाहों की सूची और अन्य सबूत देने के लिए बुलाया है।शिअद के अनुसार उसने   विशेष जांच टीम को पत्रकार संजय सूरी और मुख्तियार सिंह के बयान दर्ज करने का अनुरोध किया है |

दिल्ली का फेसला जब आएगा तब आएगा  | मध्यप्रदेश में उनके द्वारा काबीना मंत्री पद से नवाजे गये मंत्री अपने क्षत्रप प्रभु के इशारों पर कुछ भी कह सुन रहे हैं | कमलनाथ के “ब्लू आइड ब्याय” उस दिन की कोस रहे जब सारे मंत्री कबीना का दर्जा पाए थे | इन्ही से किसी ने जयचंदी रोल दिल्ली दरबार में अपनाया है | ख़ैर जल्दी स्वस्थ हो, यह शुभकामना ! चुनौतियाँ बहुत हैं |

श्री राकेश दुबे (वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार)
संपर्क  9425022703        
rakeshdubeyrsa@gmail.com

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