ग्वालियर: करगिल युद्ध के 20 साल पूरे होने पर ग्वालियर एयरबेस पर आयोजित कार्यक्रम के बाद वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने कहा है कि बालाकोट में एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान हमारे हवाई क्षेत्र में नहीं आया था। हमारा उद्देश्य पाकिस्तान स्थित आतंकी शिविरों पर हमला करना था और पाकिस्तान का लक्ष्य हमारी सेना के ठिकानों को निशाना बनाना था। हमने अपना सैन्य उद्देश्य हासिल कर लिया। पाकिस्तान की ओर से किसी विमान ने नियंत्रण रेखा को पार नहीं किया था।
#WATCH BS Dhanoa, Indian Air Chief Marshal says,”On Balakot let me tell you, Pakistan didn’t come into our airspace. Our objective was to strike terror camps & their’s was to target our army bases. We achieved our military objective. None of them crossed the Line of Control.” pic.twitter.com/l5pt3xFcqa
— ANI (@ANI) June 24, 2019
वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र बंद करने के फैसले पर कहा कि उन्होंने अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है जो उनकी समस्या है। हमारी अर्थव्यवस्था जीवंत है और हवाई यातायात बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारतीय एयफोर्स ने हमारे सिटीजन एयर ट्राफिक को कभी नहीं रोका। केवल 27 फरवरी 2019 को हमने श्रीनगर हवाई क्षेत्र को 2-3 घंटे के लिए बंद कर दिया था। उस वक्त दो देशों के बीच तनान की स्थिति में हमरी हवाई सेवाओं पर इसका कोई असर नहीं हुआ।
राफेल होने की स्थिति में बालाकोट में और बेहतर परिणाम जैसे उनके बयान के बारे में पूछे जाने पर एयर चीफ मार्शल ने कहा कि ऐसा प्रपोजल था। अभी वायु सेना के पास चौथी पीढी के विमान हैं। उन्हें और अपग्रेड कर लिया जाएगा। वहीं चीन और रूस के पास पांचवी पीढी के विमान होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे अभी पांचवीं पीढी के लिये संघर्षरत हैं। डीआरडीओ के माध्यम से हम अगले दस वर्षों में पांचवी पीढी के पास होंगे।
एयर चीफ मार्शल ने कहा कि बालाकोट के बाद पाक के विमान पीछे आए, लेकिन उनकी भारत के किसी भी एयरपोर्ट पर हमला करने और यहां तक कि एलओसी पार करने तक की हिम्मत नहीं थी। भारत ने सिर्फ दो ढाई घंटे अपने एयरपोर्ट बंद किये, वहीं पाकिस्तान ने कई दिनों तक अपने एयरपोर्ट बंद रखे थे। एक अन्य सवाल के जवाब में श्री एएन 32 विमान पहाड़ी क्षेत्रों में अब भी उड़ान भरता रहेगा, जब तक उसका कोई विकल्प नहीं मिल जाता।
करगिल युद्ध में विजय के 20 साल पूरे होने का जश्न मनाया
भारतीय वायुसेना ने करगिल युद्ध में विजय के 20 साल पूरे होने का जश्न मनाया। सोमवार को वायुसेना ने ग्वालियर एयर फोर्स स्टेशन में एक बार फिर से 24 जून, 1999 को टाइगर हिल पर पाकिस्तानी घुसपैठियों पर हुए अटैक के सीन को रीक्रिएट किया। इस मौके पर बीएस धनोआ भी मौजूद थे। 5,062 मीटर की ऊंचाई पर स्थित टाइगर हिल पर स्थित पाकिस्तानी सेना को भारतीय वायुसेना ने ढेर कर दिया था। आखिर में 4-5 जुलाई 1999 को टाइगर हिल पर भारत ने कब्जा जमा लिया।
पाक सेना को नाकों चने चबवाए थे : वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोवा ने आज कहा कि कारगिल युद्ध के समय वायुसेना के मिराज जैसे विमानों ने लेजर गाइडेड बमों से पाकिस्तान की सेना को कारगिल की ऊंची चोटी टाइगर हिल पर भी नाकों चने चबवा दिये थे। बीस सालों में वायुसेना ने मिराज को और अपग्रेड कर उसकी ताकत को बढाया है। उन्होंने दावा किया कि आदेश मिलते ही वायुसेना किसी प्रकार के हमले का मुंहतोड जबाब देने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि मिराज 2000 ने कारगिल युद्ध के दौरान ऊंची पहाड़ी पर बैठे दुश्मनों को लेजर गाइडेड बम (एलजीबी) गिरा कर नेस्तनाबूत कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने उस समय एक हजार पाउंड के एलजीबी गिराये थे, जो अपने लक्ष्य को भेदने में सफल रहे थे। उन्होंने बताया कि उस समय ग्वालियर में मौजूद मिराज की बटालियन को दुश्मनों को खदेडने का काम सौंपा गया था, जिसे वायुसेना ने बखूबी निभाते हुए कारगिल पर वापस भारत का कब्जा कराया। इसके साथ ही सेना ने भी अदम्य साहस का परिचय देते हुए बोफोर्स तोप से दुश्मन के दांत खट्टे किये थे।
उन्होंने बताया कि काफी पुराने हो चुके मिराज को अपग्रेड करने की जरूरत महसूस हुई थी। उस समय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान (डीआरडीओ) ने उस मिराज में तीन तकनीकी कमियों को दूर कर पहली बार एलजीबी को ले जाने और लक्ष्य भेदने के लिए तैयार किया था। सभी ने लगातार काम कर मिराज लड़ाकू विमान को अपग्रेड किया।