भोपाल : सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने आज मंत्रालय में मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) संगठन की समीक्षा की। इस दौरान संगठन में कार्यरत कर्मचारियों एवं रिक्त पदों की स्थिति, लम्बित प्रकरणों, आर.आर.सी. द्वारा वसूली तथा वर्ष 2018-19 में संगठन की प्रगति की समीक्षा की गई। मंत्री डॉ. सिंह ने संगठन के वर्ष 2018-19 के वार्षिक प्रतिवेदन का विमोचन भी किया।
मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने संगठन को और अधिक प्रभावशाली बनाने की आवश्कता बताते हुए कहा कि जन-प्रतिनिधि एवं सामान्य-जन को संगठन की कार्य-प्रणाली से अवगत होना चाहिये। उन्होंने कहा कि संगठन को प्रभावी कार्यवाही एवं गम्भीर प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज कराने का अधिकार दिया जाए। मुख्य तकनीकी परीक्षक के समक्ष लम्बित प्रकरणों में अंतिम देयक एवं सुरक्षा निधि का निराकरण न किया जाए।
मंत्री डॉ. सिंह ने लम्बित आर.आर.सी प्रकरणों की जानकारी मुख्य सचिव की साधिकार समिति के समक्ष रखने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि विभागों के प्रमुख सचिव एवं प्रमुख अभियंता द्वारा ली जाने वाली बैठकों एवं परख कार्यक्रम में मुख्य तकनीकी परीक्षक के प्रकरणों के निराकरण की कार्यवाही भी की जाए। संगठन में तकनीकी अधिकारियों की कमी के संबंध में मुख्य तकनीकी परीक्षक द्वारा दिए गए प्रस्ताव से सहमत होते हुए सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ सिंह ने कहा कि अधीक्षण यंत्री की अनुभव अवधि कम करने एवं प्रतिनियुक्ति के प्रस्तावों पर शीघ्र निर्णय लिया जाए। इस मौके पर प्रतिनियुक्ति की शर्तों को सरल करने एवं विशेष वेतन दिए जाने के प्रस्ताव पर सहमति प्रदान की गई।
अपर मुख्य सचिव श्री पी.सी. मीणा एवं श्री सी.पी. अग्रवाल, मुख्य तकनीकी परीक्षक और मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) संगठन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में मुख्य तकनीकी परीक्षक ने संगठन के गठन, उद्देश्य एवं कार्य-प्रणाली से अवगत कराया।