भोपाल : स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने आज प्रशासन अकादमी में जीवन कौशल शिक्षा कार्यशाला ‘उमंग’ में कक्षा 10वीं एवं 11वीं के विद्यार्थियों के लिये निर्मित उमंग माड्यूल तथा मोबाइल एप को लांच किया। डॉ. चौधरी ने कहा कि शिक्षा के स्तर में गुणवत्ता के साथ सकारात्मक सुधार ही राज्य सरकार का लक्ष्य है। इसलिये विद्यार्थियों को मिलने वाली सुविधाएँ जैसे गणवेश, किताबें, साइकिल वितरण आदि शिक्षण सत्र के प्रारंभ में ही उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में देश का सर्वश्रेष्ठ प्रदेश बनाएंगे।
मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि पिछले छ: माह से स्कूल शिक्षा विभाग की व्यवस्थाओं में निरंतर सुधार किया जा रहा है। शासकीय स्कूलों के प्रति आम आदमी की सोच में परिवर्तन दिखाई देने लगा है। उन्होंने विभाग के मैदानी अमले का आव्हान किया कि स्कूल शिक्षा में आमूल-चूल गुणात्मक परिवर्तन के लिये समर्पित भाव से दायित्वों का निर्वहन करें।
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार तथा जीवन कौशल माड्यूल को बहुत अच्छे तरीके से लागू करना है। आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती जयश्री कियावत ने कहा कि स्कूली विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं के समाधान के लिये उमंग मॉड्यूल और मोबाइल एप बनाया गया है।
स्कूल शिक्षा विभाग अकादमिक वर्ष 2019-20 से उमंग कार्यक्रम को प्रदेश के सभी हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में लागू कर रहा है। पाठ्यक्रम के साथ ही विद्यालयीन समय में प्रत्येक शनिवार को प्रशिक्षित नोडल शिक्षकों द्वारा कक्षाओं में उमंग कार्यक्रम होगा।
इस वर्ष से कक्षा 10 और कक्षा 11 के लिये विशिष्ट मॉड्यूल तैयार किये गये हैं। साथ ही कार्यक्रम की मॉनीटरिंग और रिपोर्टिंग हेतु मोबाईल एप भी बनाया गया है। उमंग के सत्रों के संचालन की रिपोर्टिंग शिक्षक मोबाईल एप से करेंगे। प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर्स द्वारा कार्यक्रम की मॉनिटरिंग और शिक्षकों की मेंटरिंग भी की जायेगी। अभी तक लगभग 700 जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स की टीम तैयार हो चुकी है। ये ट्रेनर्स 1000 से अधिक विकासखंड स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स को तैयार करेंगे
इस अवसर पर संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र श्रीमती आइरिन सिंथिया, उप सचिव श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव, संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के प्रतिनिधि श्री नीलेश देशपाण्डे, श्रीमती अंजली भार्गव तथा कार्यशाला के प्रतिभागी आदि उपस्थित थे।