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कश्मीर को फूंकने में लगे हैं अलगाववादी नेता, विदेशों में सेटल हैं इनके बच्चे

जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी नेता लगातार युवाओं को भटकाते रहते हैं. अलगाववादी नेता ही सबसे बड़े कारण हैं जिनकी वजह से स्थानीय युवा विरोध करने के लिए सड़कों पर दिखते हैं और देशविरोधी नारेबाजी करते हैं. लेकिन अब इन्हीं नेताओं की पोल खुली है. गृह मंत्रालय ने उन अलगाववादी नेताओं की लिस्ट जारी की है, जिनके बच्चे विदेश में पढ़ते हैं. इन नेताओं में आसिया अंद्राबी से लेकर मीरवाइज़ उमर फारूक हर कोई शामिल हैं. पढ़ें पूरी लिस्ट…

1.    निसार हुसैन (वहीदत ए इस्लामी) – बेटा और बेटी ईरान में रह रहे हैं. बेटी ईरान में ही नौकरी करती है.

2.    बिलाल लोन – सबसे छोटी बेटी ऑस्ट्रेलिया में पढ़ रही है.

3.    अशरफ सहरई (चेयरमैन, तहरीक-ए-हुर्रियत) – दो बेटे खालिद-आबिद सऊदी अरब में काम करते हैं.

4.    जीएम. भट्ट (आमिर ए जमात) – बेटा सऊदी अरब में डॉक्टर

5.    आसिया अंद्राबी (दुख्तरान-ए-मिल्लत) – दोनों बेटे विदेश में हैं. एक मलेशिया में पढ़ाई कर रहा है और दूसरा बेटा ऑस्ट्रेलिया में पढ़ रहा है.

6.    मोहम्मद शफी रेशी (DPM) – बेटा अमेरिका में पीएचडी कर रहा है.

7.    अशरफ लाया (तहरीक ए हुर्रियत) – बेटी पाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है.

8.    जहूर गिलानी (तहरीक ए हुर्रियत) (सैयद अली शाह का दामाद) – बेटा सऊदी अरब में एयरलाइंस में काम करता है.

9.    मीरवाइज उमर फारूक (हुर्रियत के चेयरमैन) – बहन अमेरिका में रहती है.

10.    मोहम्मद युसूफ मीर (मुस्लिम लीग) – बेटी पाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है.

कश्मीर घाटी में सक्रिय 112 अलगाववादी नेताओं के कम से कम 220 बच्चे, रिश्तेदार या करीबी विदेशों में पढ़ रहे हैं या सुकून की जिंदगी जी रहे हैं। पढ़ाई पूरी करने के बाद इनमें से ज्यादातर बच्चे विदेश में ही नौकरी कर रहे और रह भी रहे हैं। इन अलगाववादी नेताओं में हुर्रियत के भी तमाम बड़े नेता शामिल हैं। इनके बच्चों को न तो कश्मीरियत से मतलब है और न ही घाटी में पनप रहे आतंकवाद से इनका कोई नाता है। इसी से इन अलगाववादी नेताओं के दोहरे चरित्र का अंदाजा लगाया जा सकता है, जो बात-बात पर स्थानीय युवाओं को कानून हाथ में लेने के लिए उकसाते हैं। उन्हें देशविरोधी गतिविधियों में धकेल देते हैं। अमित शाह ने राज्यसभा में पेश रिपोर्ट में कश्मीर के 130 हुर्रियत नेताओं की भी कुंडली पेश की है, जिनके बच्चे विदेश में सेट हैं।

ये उन नेताओं की लिस्ट है जो अलग कश्मीर के नाम पर घाटी में हिंसा को बढ़ावा देते हैं. युवाओं को हिंदुस्तान के खिलाफ भड़काते हैं और देशविरोधी हरकतें करवाते हैं. यही नेता अक्सर कश्मीर में बंद भी बुलाया करते हैं.

हालांकि, इस वक्त इनमें से कई नेता नज़रबंद हैं या फिर हिरासत में हैं. कई नेताओं को दी गई सरकारी सुरक्षा को केंद्र सरकार ने वापस भी ले लिया है. हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में ऐलान किया था कि मोदी सरकार ने अलगाववादियों को दी गई सुरक्षा वापस ले ली है. पहले सिर्फ देश विरोधी बातें करने पर ही सुरक्षा दे दी जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.

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