वन मंत्री श्री उमंग सिंघार ने कहा है कि अस्थाई रूप से निर्मित वन-जलीय स्थलों पर दुर्घटना रोकने के लिये चेतावनी दर्शाने वाले साइनेज और बोर्ड लगाये जायेंगे। पर्यटकों की संख्या को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त मात्रा में अमला भी तैनात किया जाएगा। सभी स्थलों पर फर्स्ट एड किट रखा जायेगा, जिसकी सूचना प्रदर्शित की जाएगी।
श्री सिंघार ने बताया कि दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में पर्यटकों का प्रवेश निषेध रहेगा। पर्यटन स्थलों पर अवकाश के दिनों में भीड़ पर नियंत्रण के लिये वन विभाग जिला प्रशासन की सहायता लेगा। किसी भी तरह की आकस्मिक घटना से निपटने के लिये वन क्षेत्र के जलीय स्थलों पर आवश्यक मेन पावर और रेस्क्यू की व्यवस्था रहेगी। जहाँ कही भी आवश्यक हो सुरक्षात्मक रेलिंग, बेरिकेडिंग और फेंसिंग भी कराई जायेगी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के वन क्षेत्रों में ऐसे अनेक स्थान हैं, जहाँ वर्षा काल में झरने,तालाब आदि जलीय संरचनायें निर्मित हो जाती हैं। इन स्थानों पर बड़ी संख्या में पर्यटकों के आवागमन को देखते हुए वन विभाग ने क्षेत्रीय इकाइयों को सुरक्षात्मक व्यवस्थाएँ करने के निर्देश जारी किये हैं। इससे वन क्षेत्र में वर्षा काल के दौरान दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा।