भोपाल: मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज विधानसभा में कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भविष्य की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए नए विश्वविद्यालय स्थापित करना समय की मांग है। कमलनाथ ने अपने गृह जिला छिंदवाड़ा में विश्वविद्यालय स्थापित करने संबंधी विधेयक मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2109 पर चर्चा के दौरान यह बात कही। चर्चा के बाद यह विधेयक सर्वसम्मति से पारित किया गया।
कमलनाथ ने विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव की मांग पर आश्वासन दिया कि सागर में भी विश्वविद्यालय खोलने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के पिछड़े क्षेत्र में जहां नयी पीढ़ी में जागरुकता आ रही है और उनमें चेतना जागृत हुयी है, उसके लिए जरुरी है कि वहां शिक्षा के नए केंद्र स्थापित हों।
उन्होंने छिंदवाड़ा में विश्वविद्यालय खोलने का जिक्र करते हुए कहा कि यदि समय रहते उच्च शिक्षा और विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या पर चिंता नहीं की तो आने वाला समय कठिनाइयों वाला होगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकारी स्तर पर विश्वविद्यालय खुलने पर निजी क्षेत्र में यूनिवर्सिटी स्थापित होने का कार्य हतोत्साहित होगा, जिनका उद्देश्य नफा नुकसान रहता है। वहीं सरकार जनहित में शिक्षा केंद्रों को स्थापित कर उन्हें विकसित करती है।
मुख्यमंत्री के जवाब के बाद संबंधित विधेयक सर्वसम्मति से पारित किया गया। विधेयक के उद्देश्य में कहा गया है कि सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट और बैतूल जिले में रह रहे युवाओं को उच्च शिक्षा की सहज पहुंच प्रदान करने के उद्देश्य से नया विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है, जिसका मुख्यालय छिंदवाड़ा में होगा। वर्तमान में बैतूल बरकतुल्ला विश्वविद्यालय भोपाल और शेष तीन जिले सिवनी, छिंदवाड़ा और बालाघाट रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से संलग्न हैं।