दुनिया की चौथी महाशक्ति के विकसित हुए भारत के चंद्रयान-2 प्रोजेक्ट पर देश-दुनिया की निगाह लगी हुई है। भारत, अमेरिका, रूस और चीन के बाद अंतरिक्ष में चौथी महाशक्ति बनकर उभरा है।
चंद्रमा की आर्बिट में पहुंचने तक यह बेहद संवेदनशील प्रक्रिया के अंतर्गत इस पर पैनी निगाहें में रहेगा। तीन देशों में भारत के बनाए गए खास सिस्टम इस मिशन पर नजर रखेंगे। इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिक और चंद्रयान-2 प्रक्षेपण टीम का हिस्सा रहे बदायूं, उप्र निवासी सतपाल अरोरा से इस संबंध में फोन पर बात हुई। उन्होंने बताया कि छह और सात सितंबर को चंद्रमा की आर्बिट में पहुंचने की प्रक्रिया के अंतर्गत चंद्रयान-2 की हर गतिविधि पर निगाह रखने की जिम्मेदारी वैसे तो इसरो पर ही है लेकिन इसरो की देखरेख में अमेरिका, रूस और चीन में बने भारतीय स्पेस सेंटर भी इस पर नजर रखेंगे।
अर्थ आर्बिट यानि पृथ्वी की कक्षा से मून की आर्बिट अर्थात चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने पर चंद्रयान-2 की गति में परिवर्तन होंगे। इस परिवर्तन को लेकर पूरी दुनिया के खगोल शास्त्रियों में काफी उत्साह है। वे चंद्रयान-2 की प्रत्येक गतिविधि को देखने के लिए अपने-अपने तरह से जुटे हुए हैं। चंद्रमा पर लैंडिंग करने के बाद चंद्रयान-2 का सक्रिय काल एक साल तय है। हालांकि यह अपनी मियाद से भी अधिक काम कर सकता है।
चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण की पूरी प्रक्रिया पर इसरो में काफी उत्साह है। यह अपने लक्ष्यों को पूरा करेगा और हमें भरोसा है कि दुनिया के सामने भारत नया कीर्तिमान स्थापित करेगा। यह वन टीम वन ड्रीम है। –सतपाल अरोरा उर्फ मिक्कू, सीनियर साइंटिस्ट, इसरो
भारत का महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। देश के दूसरे चंद्रमिशन को लेकर इसरो ने यह मंगलवार को यह जानकारी दी। इसरो ने सोमवार को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से अपने सशक्त रॉकेट जीएसएलवी-एमके ।।। -एम1 के माध्यम से ‘चंद्रयान-2’ का प्रक्षेपण किया था। इसका लक्ष्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर रोवर को उतारना है। इस क्षेत्र में अब तक कोई अध्ययन नहीं हुआ है।
तीन मोड्यूल- ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर वाला 3850 किलोग्राम वजनी ‘चंद्रयान -2’ को पृथ्वी की कक्षा में पहुंच चुका है। अगले कुछ सप्ताह में ‘चंद्रयान-2’ चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरने से पहले महत्वपूर्ण चरणों से गुजरेगा। इसरो के एक अधिकारी ने यहां कहा, ‘चंद्रयान-2 अच्छी स्थिति में है। वह सही दिशा में बढ़ रहा है।’
इसरो ने कहा है कि चंद्रयान -2 के रॉकेट से अलग होने के तत्काल बाद इस अंतरिक्ष यान का सौर पैनल अपने आप तैनात हो गया और बेंगलुरु में इसरो के टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमान नेटवर्क ने इस अंतरिक्ष यान का नियंत्रण सफलतापूर्वक अपने हाथ में ले लिया।
उन्होंने कहा कि इस समय मिशन को लेकर किसी अपडेट की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘वैसे तो एक छोटी सी उपलब्धि है, जिसे हम अभी नहीं बताएंगे। लेकिन जब सही समय आएगा तो उसकी सूचना सामने रखेंगे।’ यदि यह मिशन सफल रहा तो उससे भारत रूस, अमेरिका और चीन के बाद चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा।