पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने मुल्क में आतंकी संगठनों की मौजूदगी स्वीकार कर ली है. लेकिन अपने इसी दावे के साथ उन्होंने एक विवादित बयान भी दिया. पुलवामा आतंकी हमले के बारे में इमरान खान ने कहा कि ये एक ऐसा मामला था जिसे स्थानीय आतंकियों ने अंजाम दिया था. उन्होंने दावा किया कि जैश-ए-मोहम्मद ना सिर्फ पाकिस्तान में मौजूद है, बल्कि कश्मीर में भी है और वहां से काम करता है.
इमरान खान के बयान से साफ है कि वह इस बात को स्वीकार रहे हैं कि पुलवामा आतंकी हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद ही था, जिसका आका मौलाना मसूद अजहर है.
हालांकि, इससे पहले अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान खुद की जमीन पर जैश-ए-मोहम्मद की मौजूदगी को नकारता रहा है. वहीं, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भी उसकी सिफारिश पर चीन ने मसूद अजहर के ग्लोबल आतंकी घोषित किए जाने का विरोध किया था.
बता दें कि इसी साल 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था. जिसमें CRPF के 40 जवान शहीद हुए थे, इस हमले के पीछे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हाथ था.
पुलवामा हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ था, इस बात के सबूत भारत ने पाकिस्तान को सौंपे भी थे. इतना ही नहीं जिन आतंकी अड्डों से इस हमले की साजिश रची गई थी, वहां बालाकोट में भारतीय वायुसेना ने एयरस्ट्राइक की थी और उन ठिकानों को नष्ट कर दिया था.
सिर्फ पुलवामा ही नहीं बल्कि न्यूयॉर्क में हुए 9/11 आतंकी हमले को लेकर भी उन्होंने टिप्पणी की, उन्होंने कहा कि उस हमले का पाकिस्तान से कोई लेना देना नहीं है.
इमरान खान ने ये दावा एक इंटरव्यू में किया है. अमेरिका दौरे पर गए हुए इमरान खान ने वहां राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की और कश्मीर का मुद्दा उठाया. तभी से वह निशाने पर हैं. इसी इंटरव्यू में उन्होंने पाकिस्तान में 40 आतंकी संगठन के काम करने की बात कबूली. इमरान ने दावा किया कि पाकिस्तान की पिछली सरकारों ने अमेरिका को आतंकी संगठनों के बारे में सच नहीं बताया.
There were 40 militant groups operating within Pak, says Imran Khan
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— ANI Digital (@ani_digital) July 24, 2019
अगर कश्मीर मुद्दे की बात करें तो इमरान खान ने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी और परवेज मुशर्रफ सत्ता में थे तो वह इस मुद्दे के सुलझाने के बिल्कुल करीब थे. लेकिन दुर्भाग्यवश ये पूरा नहीं हो पाया था.