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जबरन धर्म परिवर्तन गैर-इस्लामिक, जो यह कर रहे, वे मुस्लिम इतिहास नहीं जानते : प्रधानमंत्री इमरान खान

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जबरन धर्म परिवर्तन को गैर-इस्लामिक करार दिया। उन्होंने कहा कि जो इस कार्य में लिप्त हैं, वे मुस्लिम इतिहास को नहीं जानते। सोमवार को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक दिवस के मौके पर इमरान खान ने कहा कि पैगम्बर मुहम्मद ने अल्पसंख्यकों को धार्मिक स्वतंत्रता और उनके धार्मिक स्थलों को सुरक्षा दी थी। कुरान कहती है कि धर्म के पालन में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि जबरन धर्म परिवर्तन का कार्य कोई अपने हाथ में कैसे ले सकता है? गैर-मुस्लिम महिलाओं के साथ विवाह करके या बंदूक की नोंक पर या धमकी देकर किसी के धर्म को कैसे बदला जा सकता है? इस तरह की सारी चीजें गैर-इस्लामिक है। यदि ईश्वर ने अपने दूतों को किसी पर अपना विश्वास थोपने की शक्ति नहीं दी, तो हम ऐसा करनेवाले कौन हैं?

‘सभी नागरिकों को सुविधाएं मिलेंगी’

इमरान ने कहा कि हम मदीना राज्य के मॉडल के आधार पर पाकिस्तान का निर्माण किए जाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं, जहां सभी नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के अधिकार और सुविधाएं दी जाएंगी। सरकार गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के अवसर पर करतारपुर कॉरिडोर को शुरू करने को लेकर भी प्रतिबद्ध है। क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान ने जोर देकर कहा कि दूसरों को जबरन धर्मांतरित करने का कोई उदाहरण इस्लामिक इतिहास में नहीं मिलता।

मानवाधिकार संगठनों ने धर्मांतरण पर चिंता जताई थी
पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि सरकार ने जबरन शादियां रोकने के लिए बहुत कम काम किया है। सांसदों से इस प्रथा को खत्म करने के लिए प्रभावी कानून बनाना चाहिए। अप्रैल में पाकिस्तान के मानवाधिकार संगठनों ने मुस्लिम व्यक्तियों द्वारा हर साल हिंदू और ईसाई लड़कियों के जबरन धर्मांतरण और विवाह की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई थी।

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