जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाए जाने पर कई पार्टियों ने विरोध किया तो कई पार्टियों ने समर्थन किया. वहीं पाक ने इस पर भारी नाराजगी जताई. इस बीच रविवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर तीन दिवसीय यात्रा पर चीन पहुंच गए हैं. माना जा रहा है कि पाकिस्तान के साथ गहराए तनाव को लेकर ये बैठक काफी महत्वपूर्ण है. सूत्रों के मुताबिक इसमें कश्मीर पर भी बात हो सकती है.
पद संभालने के बाद विदेश मंत्री जयशंकर की चीन की ये पहली यात्रा होगी. हालांकि विदेश मंत्री एस जयशंकर 1 जून 2009 से 1 दिसंबर 2013 तक चीन में भारतीय राजदूत के रूप में काम कर चुके हैं. वह 1977 में भारतीय विदेश सेवा में भर्ती हुए थे. जयशंकर चीन के आलावा अमेरिका, चेक गणराज्य राजदूत और सिंगापुर में उच्चायुक्त के रूप में भी कार्य कर चुके हैं.
विदेश मंत्रालय (MEA) का कहना है कि एचएलएम की इस बैठक में दो देशों के बीच अधिक से अधिक तालमेल बनाए रखने के लिए पर्यटन, कला, फिल्मों, मीडिया, संस्कृति और खेल जैसे क्षेत्रों में बढ़ावा मिलेगा, साथ ही संस्कृति के आदान-प्रदान का एक बेहतर माध्यम साबित हो सकता है.
पिछले साल अप्रैल में मोदी और शी के बीच वुहान में पहली अनौपचारिक शिखर बैठक के दौरान एचएलएम (उच्च स्तरीय तंत्र या high level mechanism) स्थापित करने का फैसला लिया था. एचएलएम के उद्घाटन को लेकर बैठक पिछले साल 21 दिसंबर को नई दिल्ली में आयोजित की गई थी. सूत्रों के मुताबिक दूसरी एचएलएम बैठक पहली एचएलएम बैठक के परिणामों का अनुसरण करने और हमारे दोनों देशों के बीच के लोगों बीच आदान-प्रदान बढ़ाने के लिए नई पहलों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करेगी.