भोपाल: वायु प्रदूषण बढ़ाने में अहम भूमिका निभाने वाले ध्वनि प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए अलग से प्लान तैयार किया जाएगा। यह प्लान भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर के अलावा देश के 46 शहरों में तैयार होगा। इस पर 31 नवंबर तक अमल किया जाएगा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी प्रदेशों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी को एक्शन प्लान तैयार करने को कहा है।
दरअसल, एयर (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ पोल्यूशन) एक्ट-1981 के सेक्शन 2(ए) में ध्वनि को वायु प्रदूषक तत्व (एयर पोल्यूटेंट) माना गया है। ऐसे में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की मंशा शहरों में तेजी से बढ़ रहे ध्वनि प्रदूषण को कम करने की है जिससे अप्रत्यक्ष रूप से वायु प्रदूषण का स्तर भी नियंत्रण में रखा जा सके। ये दिशा निर्देश नेशनल फिजीकल लेबोरेटरी, सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट व नेशनल एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट से मिले सुझाव के आधार पर तैयार किए गए हैं।
प्रत्येक जिले को नॉइज मैपिंग करनी होगी यानि कि शहर में प्रत्येक क्षेत्र में हो रहे शोर का चित्रण तैयार करना पड़ेगा। मुख्य रूप से हॉट-स्पॉट यानि कि उन क्षेत्रों को इंगित किया जाएगा, जहां निर्धारित मानक से ज्यादा शोर हो रहा है। यानि कि प्रदूषण की स्थिति ज्यादा खराब है। हॉट-स्पॉट को ध्यान में रखते हुए एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा।
सूची में महाराष्ट्र के ठाणे, मुंबई, नवी मुंबई, पिंपरी-चिंचवाड़, कल्याण,डोंबिवली,औरंगाबाद,नागपुर को शामिल किया गया है।वहीं उप्र से आगरा,प्रयागराज,गाजियाबाद,कानपुर, लखनऊ, मेरठ, वाराणसी।