एक शोध में दुनिया के सबसे बड़े मेंढक गोलियथ के बारे में नई बात सामने आई है। ये अपने रहने के लिए तालाब का निर्माण खुद ही करते हैं। जर्नल ऑफ नेचुरल हिस्ट्री के मुताबिक, यह अफ्रीकन प्रजाति का मेंढक है और तालाब में निर्माण करना इसके व्यवहार में है।
नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम, बर्लिन के शोधकर्ता मार्विन शेफर ने इसका व्यवहार जानने के लिए प्रयोग किया। जंगल में टाइमलैप्स कैमरे लगाए और इसे मिट्टी वाली जगह पर छोड़ दिया गया। वीडियो में इसकी पुष्टि भी हुई। इसके मुताबिक, ये तालाब बना सकें इसलिए कभी-कभी 2 किलो से अधिक वजन वाले पत्थरों को भी हटाते हैं।
मेंढक का वजन 3.3 किलो है और लंबाई 34 सेंटीमीटर है। इसमें पैरों को शामिल नहीं किया गया है। शोधकर्ता मार्विन शेफ के मुताबिक, विशाल होने के साथ ये अपने बच्चों की देखभाल भी खास तरीके से करते हैं। ये अपने अंडों की सुरक्षा के लिए सुरक्षित जगह खोजने के बाद वहां तालाब का निर्माण करते हैं। जहां इनके बच्चे पानी में रहते हैं वहां ये पानी में झाग पैदा करते हैं ताकि इन्हें कोई जानवर नुकसान न पहुंचा सके।
गोलियथ खुदाई और चट्टानों के बीच अपना घर बनाने में सक्षम हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक, दक्षिण अफ्रीकी बुलफ्रॉग इससे कुछ हद तक समान है, जैसे वह एक तालाब को दूसरे तालाब से जोड़ता है ताकि वह सूखने से बच जाए। गोलियथ प्रजाति के मेंढकों का व्यवहार दूसरे मेंढकों से अलग है। यह पूरी तरह वर्षा और तेज बहने वाली धाराओं पर निर्भर रहते हैं। दूसरे मेंढक की तरह वोकल सैक से नहीं बल्कि गोलियथ अपने मुंह को खोलकर सीटी बजाते हैं।
मेंढक की यह प्रजाति आमतौर पर कैमरून और इक्वेटोरियल गिनी में पाए जाते हैं। दक्षिण अफ्रीका की एम्पुला नदी के किनारे इनकी संख्या ज्यादा है। शोधकर्ताओं ने इसकी 22 ब्रीडिंग साइट ढूंढी हैं। इनमें से 14 जगहों पर 3 हजार अंडे मिले हैं। शोधकर्ताओं ने पाया उन जगहों पर बेहद सफाई से छोटे पत्थरों को अलग हटाकर तालाब बनाया गया था। हालांकि शोधकर्ता इन्हें देखकर नर और मादा में फर्क बता पाने में असमर्थ रहे हैं।