कोलकाता: लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को कहा कि गांधी-नेहरू परिवार से बाहर के किसी व्यक्ति का पार्टी चला पाना काफी मुश्किल है। उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा कि गांधी-नेहरू परिवार ही कांग्रेस की ब्रांड इक्विटी हैं। चौधरी के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी की वापसी अब काफी हद तक उन क्षेत्रीय पार्टियों के कमजोर होने पर निर्भर है, जिनकी कोई विचारधारा ही नहीं है।
अधीर रंजन कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य भी हैं। इस कमेटी पर ही पार्टी अध्यक्ष चुनने की जिम्मेदारी होती है। सोनिया गांधी के एक बार फिर पार्टी अध्यक्ष बनने पर चौधरी ने कहा, “गांधी परिवार के बाहर के किसी भी व्यक्ति का पार्टी चला पाना काफी मुश्किल होगा। राजनीति में भी ब्रांड इक्विटी होती है। अगर मौजूदा भाजपा को देखा जाए तो क्या मोदी और अमित शाह के बिना वह सही ढंग से कार्य करेगी। जवाब है नहीं। इसी तरह कांग्रेस में भी गांधी परिवार की ब्रांड इक्विटी है। इसमें कुछ गलत नहीं है। पार्टी में किसी और के पास वो प्रतिभा ही नहीं है जो उनके पास है। यह एक कड़वी सच्चाई है।”
क्षेत्रीय पार्टियों का अस्तित्व खतरे में
अधीर रंजन चौधरी ने न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान कहा कि कांग्रेस जैसी मजबूत विचारधारा और देशभर में मौजूदगी वाली पार्टी ही भाजपा जैसे सांप्रदायिक दल का सामना कर सकती है। जिस तरह क्षेत्रीय पार्टियां काम कर रही हैं। आने वाले दिनों में वे अपनी अहमियत खो देंगी और इसके बाद देश दो ध्रुवीय विचारधारा वाली राजनीति की तरफ बढ़ जाएगा। जब दो ध्रुवों वाली राजनीति शुरू होगी तो हम फिर से सत्ता में लौटेंगे। यानी कांग्रेस का भविष्य काफी उज्ज्वल है।