राजनीति में कुछ भी स्थाई नहीं होता, सियासत में समय का चक्र काफी तेजी से घूमता है. और जब घूमता है तो सबकुछ बदल जाता है. देश की सियासत में एक बार फिर इसी की बानगी देखने को मिल रही है. कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम इस वक्त गिरफ्तारी से बचने की कोशिश कर रहे हैं. INX मीडिया मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया और वह सुप्रीम कोर्ट की शरण में हैं. दूसरी ओर ईडी और सीबीआई उन्हें गिरफ्तार करने के लिए तैयार हैं. करीब 10 साल पहले कुछ ऐसा ही मौजूदा गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुआ था, जब एजेंसियां उनके पीछे पड़ी थीं. लेकिन अब समय बदल गया है और खेल भी बदल गया है.
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की मुश्किलें बढ़ गई है. उन्हें सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत की याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट में 23 अगस्त को सुनवाई होगी.
कांग्रेस पार्टी समेत अन्य विपक्ष सरकार पर एजेंसियों का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगा रहा है. अगर इस कहानी के फ्लैशबैक में जाएं और समय के चक्कर को घुमाएं तो कई साल पहले विपक्षी पार्टी के तौर पर बीजेपी भी यूपीए सरकार पर ऐसा ही आरोप लगाती थी और तब गृह मंत्री पी. चिदंबरम हुआ करते थे.
यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान जब पी. चिदंबरम देश के गृह मंत्री थे, उस वक्त सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामला चरम पर था और इसी मामले में अमित शाह पर कार्रवाई की गई थी. 25 जुलाई 2010 को सीबीआई ने अमित शाह को गिरफ्तार भी किया था और जेल में डाल दिया था. चिदंबरम 29 नवंबर, 2008 से 31 जुलाई 2012 तक देश के गृह मंत्री रहे थे. अब समय का चक्कर घूमा है और अमित शाह देश के गृह मंत्री और सीबीआई-ईडी पी. चिदंबरम को जेल में डालने के लिए तैयार हैं.
Senior lawyer Kapil Sibal couldn’t mention his urgent listing of P Chidambaram’s plea before CJI, as 5-judge Constitution bench of the Supreme Court, headed by Chief Justice of India (CJI) Ranjan Gogoi, commences day-to-day hearing on Ayodhya case pic.twitter.com/K8ILzS4dIp
— ANI (@ANI) August 21, 2019
25 जुलाई को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमित शाह को सीबीआई ने गिरफ्तार किया, वो तीन महीने तक सलाखों के पीछे रहे. इसके बाद उन्हें 2 साल तक गुजरात से बाहर रहने का आदेश दिया गया. इसके बाद 29 अक्टूबर, 2010 को गुजरात की हाईकोर्ट ने अमित शाह को बेल दी. अमित शाह की गिरफ्तारी के बाद भाजपा भड़की हुई थी और उन्होंने यूपीए सरकार पर बदले की कार्रवाई करने का आरोप लगाया था.
2012 तक अमित शाह गुजरात के बाहर ही रहे, 2012 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें राहत मिली और सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें गुजरात जाने की इजाजत दे दी. हालांकि, सीबीआई की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को गुजरात से बाहर शिफ्ट कर दिया और मुंबई भेज दिया.
बाद में इस मामले की सुनवाई मुंबई की अदालत में ही हुई. लंबी सुनवाई के बाद साल 2015 में स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने उन्हें सभी आरोपों से मुक्त कर दिया.
आपको बता दें कि पी. चिदंबरम पर INX मीडिया मामले में रिश्वत लेने का आरोप है. दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उनपर गिरफ्तारी की तलवार लटकी है. चिदंबरम अग्रिम जमानत लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण में हैं.