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पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का 66 वर्ष की उम्र में निधन

नई दिल्ली : पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का शनिवार को दिल्ली एम्स में निधन हो गया। वे 66 वर्ष के थे। उन्होंने दोपहर 12 बजकर 7 मिनट पर अंतिम सांस ली। किडनी ट्रांसप्लांट करवा चुके जेटली को कैंसर हो गया था। उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। पिछले दिनों राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत कई नेताओं ने अस्पताल पहुंचकर उनका हालचाल जाना था।

मोदी फिलहाल यूएई में हैं। उन्होंने जेटली की पत्नी और बेटे से फोन पर बात की। दोनों ने मोदी से अपना विदेश दौरा रद्द न करने की अपील की। मोदी को यूएई के बाद बहरीन भी जाना है।

एम्स की मीडिया और प्रोटोकॉल प्रमुख आरती विज ने कहा, “बहुत ही दुख के साथ हमें सूचित करना पड़ रहा है कि पूर्व वित्तमंत्री व सांसद अरुण जेटली जी का शनिवार को दोपहर 12.07 बजे निधन हो गया है. वह यहां एम्स में 9 अगस्त से भर्ती थे और उनका इलाज वरिष्ठ डॉक्टरों की निगरानी में हो रहा था.” अरुण जेटली का जन्म 28 दिसबंर 1952 को हुआ था.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, ‘‘जेटली के निधन की खबर सुनकर स्तब्ध हूं। वे गजब के वकील, सुलझे हुए सांसद और उत्कृष्ट मंत्री थे। देश को बनाने में उन्होंने अहम योगदान दिया। उनके जाने से राजनीति और बुद्धिजीवियों की दुनिया में एक खालीपन आ गया है।’’

पीएम मोदी ने अरुण जेटली की पत्नी और बेटे से बात कर संवेदनाएं प्रकट कीं. दोनों ने ही पीएम मोदी से अपना विदेशी दौरा रद्द न करने को कहा. पीएम ने ट्वीट कर कहा, अरुण जेटली जी एक राजनीतिक दिग्गज थे, जो बौद्धिक और कानूनी रूप से जीवंत थे. वह एक मुखर नेता थे जिन्होंने भारत में स्थायी योगदान दिया. उनका निधन बहुत दुखद है. अपनी पत्नी संगीता जी के साथ-साथ बेटे रोहन से भी बात की और संवेदना व्यक्त की. शांति.

सांस लेने में तकलीफ होने के बाद जेटली 9 अगस्त को एम्स में भर्ती हुए थे। जेटली का सॉफ्ट टिश्यू कैंसर का इलाज चल रहा था। वे इस बीमारी के इलाज के लिए 13 जनवरी को न्यूयॉर्क गए थे और फरवरी में वापस लौटे। जेटली ने अमेरिका से इलाज कराकर लौटने के बाद ट्वीट किया था- घर आकर खुश हूं। उन्होंने अप्रैल 2018 में भी दफ्तर जाना बंद कर दिया था। 14 मई 2018 को एम्स में ही उनके गुर्दे (किडनी) प्रत्यारोपण भी हुआ था, वे शुगर से भी पीड़ित थे। सितंबर 2014 में वजन बढ़ने की वजह से जेटली की बैरियाट्रिक सर्जरी भी कराई गई थी।

जेटली को छह महीने पहले भी जांच के लिए एम्स में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों ने उन्हें इलाज के लिए यूके और यूएस जाने की सलाह दी थी। लोकसभा चुनाव में पार्टी की जीत के बाद भाजपा कार्यालय में हुए कार्यक्रम में भी वो नजर नहीं आए थे। उन्होंने कैबिनेट की बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया था। मई 2019 में उन्होंने मोदी से कह दिया था कि नई सरकार में वे शामिल नहीं हो पाएंगे। इसके बाद मोदी उनसे मिलने घर पहुंचे थे।

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