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जेटली का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, निगमबोध घाट पर पंचतत्व में विलीन

नई दिल्ली : पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली रविवार को निगमबोध घाट पर पंचतत्व में विलीन हो गए। यहां परिजन और नेताओं ने उन्हें आखिरी विदाई दी। इससे पहले उनकी पार्थिव देह अंतिम दर्शन के लिए भाजपा मुख्यालय में रखी गई। अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। जेटली ने शनिवार दोपहर 12 बजकर 7 मिनट पर दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली थी। वे 66 वर्ष के थे। किडनी ट्रांसप्लांट करवा चुके जेटली कैंसर से पीड़ित थे।

भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त सर डोमिनिक एस्क्विथ जेटली की अंतिम यात्रा में शामिल हुए। उन्होंने कहा किजेटली ब्रिटेन में भी काफी लोकप्रिय हैं। वे हमेशा लोगों के सपनों को पूरा करने के लिए काम करते रहे हैं। इससे पहले शनिवार को जेटली के आवास पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, अमित शाह, राजनाथ सिंह, लालकृष्ण आडवाणी, मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, सोनिया गांधी, अरविंद केजरीवाल, डॉ. हर्षवर्धन, चंद्रबाबू नायडूसमेत कई नेता श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे।

जेटली को याद करमोदी भावुक हुए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा पर गए हैं। उन्होंने शनिवार को जेटली की पत्नी और बेटे से फोन पर बात की। दोनों ने मोदी से अपना विदेश दौरा रद्द न करने की अपील की। इसके बाद प्रधानमंत्री बहरीन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा, “मैं एक दर्द दबा कर आपके बीच खड़ा हूं। विद्यार्थीकाल से लेकर सार्वजनिक जीवन में हम मिलकर साथ चले। हर पल एक-दूसरे के साथ जुड़े रहना, साथ मिलकर जूझते रहना। जिस दोस्त के साथ यह सब किया उसने आज देश छोड़ दिया। कल्पना नहीं कर सकता कि इतनी दूर बैठा हूं और मेरा एक दोस्त चला गया। बड़ी दुविधा का पल है। लेकिन मैं एक तरफ कर्तव्य और दूसरी तरफ दोस्ती की भावना से भरा हूं। मैं दोस्त अरुण को बहरीन की धरती से श्रद्धांजलि देता हूं।”

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