ग्वालियर : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रतिस्थापना (DRDE) के अधिकारियों के साथ बैठक की। ग्वालियर में हुई इस बैठक में रक्षा मंत्री ने कहा कि भविष्य में युद्ध के दौरान किसी भी स्तर पर देश की कार्यशैली और ढांचागत सुविधाओं को बाधित करने के लिए रासायनिक और जैविक हमले किए जाने की आशंका है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए देश के सुरक्षाबलों को प्रशिक्षण की जरूरत है।
रक्षा मंत्री सिंह के मुताबिक, हमारे सुरक्षाबल कई ऐसे स्थानों पर तैनात हैं, जहां दुश्मनों के द्वारा ऐसे हमले किए जाने की आशंका है। जैविक और रासायनिक हमलों से जीवन, स्वास्थ्य, संपत्ति और वाणिज्य को ऐसा नुकसान पहुंचेगा, जिससे उबरने में लंबा समय लग सकता है।
उन्होंने बताया कि डीआरडीई के वैज्ञानिकों ने टॉक्सिक एजेंटों की पहचान करने और इससे सुरक्षा की तकनीक विकसित की है। मैं इसे विश्वस्त हूं कि आतंकवाद चाहे जो भी खतरा पैदा करे, हमारे वैज्ञानिक उससे निपटने में सक्षम हैं। अब हम रासायनिक और जैविक हमलों से सुरक्षा करने और इससे होने वाले संक्रमण को रोकने में सक्षम हैं।
रक्षामंत्री ने वैज्ञानिकों की उपलब्धियों पर कहा कि आपके अचीवमेंट पर दिल से बधाई देता हूं। बहुत सारी चीजें देखी हैं। उसे पब्लिकली नहीं बता सकता हूं। अगर बोलूंगा तो अभी तूफान खड़ा हो जाएगा। मैं समझता हूं कि जो भी अक्लमंद देश में होंगे, उनके लिए मेरा इतना ही कहना पर्याप्त होगा। बैठक में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के प्रमुख डॉ. जी सतीश रेड्डी भी बैठक में उपस्थित रहे।