भोपाल: मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ राज्य सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। उनके खिलाफ 2017 में किए गए पौधरोपण अभियान में धांधली का आरोप है। शिवराज सिंह के साथ ही 6 से ज्यादा अधिकारियों की भी भूमिका की जांच की जाएगी। प्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार ने शुक्रवार को ट्वीट करके इसकी जानकारी दी। वन मंत्री सिंघार ने आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लू) को पत्र लिखकर जांच करने के लिए कहा है।
इस मामले में उन्होंने आरोप लगाया कि नर्मदा नदी के किनारे 6 करोड़ से ज्यादा पेड़ लगाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए 20 रुपए मूल्य के पौधों को 200 रुपए से ज्यादा कीमत पर खरीदा गया।
अपने आप को नर्मदा पुत्र कहलाने वाले @ChouhanShivraj जी ने जिस तरह 450 करोड़ का आर्थिक घोटाला किया है उन्होंने माँ नर्मदा का सीना छलनी किया है। में वादा करता हूँ कि इस घोटाले में जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर कार्यवाही करने से बक्शा नही जाएगा
— Umang Singhar (@UmangSinghar) October 11, 2019
वन मंत्री उमंग सिंघार ने ट्वीट करके लिखा, “2 जुलाई 2017 को नर्मदा किनारे 6 करोड़ पौधे लगाने में घोर अनियमितताएं तत्कालीन सरकार और अधिकारियों द्वारा की गई थी। उसकी जांच माननीय मुख्यमंत्री के निर्देश पर ईओडब्लयू से कराई जाएगी।
उमंग सिंघार ने लिखा, “अपने आप को नर्मदा पुत्र कहलाने वाले शिवराज सिंह चौहान जी ने जिस तरह 450 करोड़ का आर्थिक घोटाला किया। उन्होंने मां नर्मदा का सीना छलनी किया है। मैं वादा करता हूं कि इस घोटाले में जो भी दोषी पाए जाएंगे। उन पर कार्यवाही करने से बख्शा नही जाएगा।”
मंत्री ने कहा, ‘मैने खुद बैतूल में जांच की। जहां 15000 गड्ढे होने थे वहां सिर्फ 9000 के आसपास ही गड्ढे मिले। इस तरह का कागजी पौधरोपण आनन फानन में शिवराज सरकार ने हर जगह 2 जुलाई 2017 को किया। जबकि व्यवहारिक रूप से एक दिन के अंदर पौधा लगाना संभव नही है।’