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सरकारी बैंक कर्मचारियों की हड़ताल से कामकाज प्रभावित

10 बैंकों के विलय के विरोध में बैंककर्मियों ने आज यानि 22 अक्टूबर से हड़ताल की घोषणा की है। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ और भारतीय बैंक कर्मचारी परिसंघ की ओर से बुलाई गई हड़ताल को भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) ने भी समर्थन दिया है। दीपावली से पहले इस हड़ताल से ग्राहकों और कारोबारियों को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

एटक ने एक बयान में कहा कि हम अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ और भारतीय बैंक कर्मचारी परिसंघ द्वारा 22 अक्टूबर को संयुक्त तौर पर बुलाई गई देशव्यापी बैंक हड़ताल का समर्थन करते हैं. यह हड़ताल सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों को विलय कर चार बैंक बनाने के विरोध में बुलाई गई है. यह छह महत्वपूर्ण राष्ट्रीय बैंकों को बंद करना है। एटक ने सरकार के निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण और अनपेक्षित बताया।

बयान में कहा गया है कि आंध्रा बैंक, इलाहाबाद बैंक, सिंडिकेट बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स को अब बंद होना होगा। यह सभी अच्छा प्रदर्शन करने वाले बैंक हैं। सभी देश के आर्थिक विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया है। इन सभी का अपना इतिहास है और समय के साथ ये इतने बड़े बैंक बने हैं।

बयान में कहा गया है कि पूर्व में भारतीय स्टेट बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा का विलय किया गया। लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं है इसके कोई सकारात्मक परिणाम आए हों। यह बैंकों के विलय के प्रयोग करने का समय नहीं है। अभी बैंकों की जरूरत अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने के लिए हैं।

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