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खट्टर के 8 और फडणवीस के 7 मंत्री हारे, आदित्य ठाकरे जीते

हरियाणा में सत्ता के लिए भाजपा और कांग्रेस में मुकाबला चल रहा है। मौजूदा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की कैबिनेट के 10 मंत्रियों में से 8 अपनी सीटें हार गए हैं। महाराष्ट्र की बात करें तो देंवेंद्र फडणवीस कैबिनेट के 7 मंत्रियों को हार मिलीहै।

चर्चित सीटों में वर्ली (महाराष्ट्र) पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को बढ़त मिली हुई है। पर्ली (महाराष्ट्र) से भाजपा की पंकजा मुंडे को उनके चचेरे भाई धनंजय मुंडे ने हाराया। बारामती में शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने 1.65 लाख वोटों से जीत दर्ज की। उधर, हरियाणा की आदमपुर सीट से भाजपा के टिकट पर उतरीं टिकटॉक स्टार सोनाली फोगाट को भी हार का मुंह देखना पड़ा है।

इन मंत्रियों को मिली हार
महाराष्ट्र: पर्ली से पंकजा मुंडे, करजत-जामखेड़ से राम शिंदे और मावल से बाला भेगडे, जालना से अर्जुन खोतकर और पुरंदर से विजय शिवतारे, मोर्शी सेअनिल बोंडे और बीड से जयदत्त क्षीरसागरहारे।

हरियाणा: महेंद्रगढ़ से रामबिलास शर्मा, नारनौंद से कैप्टन अभिमन्यु, सोनीपत से कविता जैन, इसराना से कृष्ण लाल पंवार, बादली से ओमप्रकाश, शाहाबाद से कृष्ण बेदी, रोहतक से मनीष कुमार ग्रोवर, रादौड़ से करणदेव कंबोज को हार मिली।

महाराष्ट्र

विधानसभा सीट कैंडिडेट चर्चा क्यों रुझान
वर्ली आदित्य ठाकरे (शिवसेना) शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे के बेटे। 53 के इतिहास में पहली बार ठाकरे परिवार का सदस्य चुनाव मैदान में उतरा। जीते
पर्ली पंकजा मुंडे (भाजपा) पंकजा के खिलाफ उनके चचेरे भाई धनंजय मुंडे राकांपा के टिकट पर मैदान में उतरे। 2014 में धनंजय को पंकजा से हार मिली थी। हारीं
नागपुर दक्षिण-पश्चिम देवेंद्र फडणवीस (भाजपा) मुख्यमंत्री की सीट है। फडणवीस यहां से 3 बार जीत चुके हैं। आगे
बारामती अजीत पवार (राकांपा) राकांपा चीफ शरद पवार के भतीजे। इस सीट से 6 बार चुनाव जीत चुके हैं।  जीते
भोकर अशोक चव्हाण (कांग्रेस) अशोक 2008 से 2010 तक महाराष्ट्र के सीएम थे। उनके पिता शंकर राव चह्वाण भी 2 बार मुख्यमंत्री रहे। जीते
कराड दक्षिण पृथ्वीराज चह्वाण (कांग्रेस) 2010 से 2014 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे। यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है। 1962 से यहां कांग्रेस जीतती रही है। आगे
कणकवली नितीश राणे (भाजपा) राज्य में भाजपा-शिवसेना गठबंधन होने के बावजूद यहां राणे के खिलाफ शिवसेना ने अपना उम्मीदवार उतारा है। जीते

हरियाणा

विधानसभा सीट कैंडिडेट चर्चा क्यों रुझान
आदमपुर सोनाली फोगाट (भाजपा) टिक-टॉक स्टार। टिकट मिलने के बाद गूगल पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर से भी ज्यादा सर्च की गईं। मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी और भजन लाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई से। भजन लाल का परिवार इस सीट पर कभी नहीं हारा। हारीं
करनाल मनोहर लाल खट्टर (भाजपा) मुख्यमंत्री की सीट है। खट्टर के खिलाफ जजपा से तेज बहादुर यादव उतरे हैं। यादव ने 2019 लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट पर नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। लेकिन, उनका नामांकन रद्द हो गया था। जीते
गढ़ी सांपला किलोई भूपेंद्र सिंह हुड्डा (कांग्रेस) हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री। 2014 में भी इस सीट से जीते थे। कांग्रेस ने इस विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की कमान हुड्डा को सौंपी थी। जीते
उचाना कलां दुष्यंत चौटाला (जजपा) पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के पोते। चौटाला परिवार में विवाद के बाद 10 महीने पहले इनेलो छोड़कर जननायक जनता पार्टी बनाई। जीते
कैथल रणदीप सुरजेवाला (कांग्रेस) सुरजेवाला इस सीट से 4 बार के विधायक हैं। पिता शमशेर सिंह सुरजेवाला हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष और कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं। हारे
चरखी दादरी बबीता फोगाट (भाजपा) कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतने वाली महिला रेसलर बबीता पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। हरियाणा पुलिस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आईं। हारीं

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