श्रीनगर : अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद यूरोपियन यूनियन (ईयू) के 23 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल कश्मीर के दो दिन के दौरे पर है। बुधवार को सांसदों ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि कश्मीर भारत का आंतरिक मसला है। हम यहां की राजनीति में उलझकर कश्मीर को दूसरा अफगानिस्तान नहीं बनने देना चाहते। डेलिगेशन के एक सांसद थिएरी मारियानी ने कहा कि हम आतंकवाद से पीड़ित रहे कश्मीर की स्थिति देखने आए हैं।
Watch LIVE! European Union MPs delegation brief media on their visit to Jammu & Kashmir. https://t.co/o7FYOi95Wa
— Prasar Bharati News Services (@PBNS_India) October 30, 2019
मरियानी ने कहा, भारतीय मीडिया का एक वर्ग हमें नाजीवादी बता रहा है, लेकिन अगर हम ऐसे होते तो जनता हमें नहीं चुनती। इससे पहले एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि ईयू के सांसदों को यूनियन ने नहीं भेजा है, ये लोग नाजीवादी हैं।
यूरोपियन आर्थिक और सामाजिक कमेटी के अध्यक्ष हेनरी मलोस ने कहा कि कश्मीर के पास वो सबकुछ है जिससे यह सबसे तेजी से विकास करने वाला क्षेत्र बन सकता है। भारत विकास के स्तर पर अच्छा विकास कर चुका है, जबकि कश्मीर सब्सिडी मिलने के बावजूद अपनी स्थिति की वजह से पिछड़ा है।
उन्होंने आगे कहा, कश्मीर दौरे से हमें जो संदेश मिला है वो यह है कि अभी उम्मीद है। हमें यहां अच्छी स्वास्थ्य स्थिति, संचार, इन्फ्रास्ट्रक्चर के नए प्रोजेक्ट्स और शिक्षा का समर्थन करना होगा। मलोस ने कहा कि हमें फासीवादी और नस्लवादी तक कहा जा रहा है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। हमें पता है कि कश्मीर दुर्भाग्य से खतरे में है। कल ही 5 निर्दोष मजदूरों की हत्या हो गई।
एक सांसद ने कहा, ”पहले भी कई बार भारत आ चुका हूं। कश्मीर को लेकर कई तरह से दुष्प्रचार किया जा रहा है, जो सही नहीं है। हमें यहां राजनीति से कोई लेना-देना नहीं। हम सिर्फ तथ्य जानने के लिए आए हैं। यहां सामान्य जीवन पटरी पर लाने के लिए किस प्रकार के कदम उठाए जा रहे हैं, यही जानना चाहते हैं।”
”कश्मीर के लोगों ने बताया कि वे भारतीय हैं और वे विकास के लिए हर संभव सरकार की मदद करना चाहते हैं। कश्मीर के नागरिक अच्छे अस्पताल और नौकरी चाहते हैं। मैं पाकिस्तान और सीरिया भी जा चुका हूं। आतंकी सिर्फ अपनी लड़ाई लड़ते हैं। अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई चल रही है।”
Delhi: The delegation of European Union (EU) MPs scheduled to visit Kashmir today, leave for Delhi Airport from their hotel. pic.twitter.com/OwE2SvldKs
— ANI (@ANI) October 29, 2019
‘कश्मीर में भ्रष्टाचार, केंद्र से भेजा पैसा लोगों को नहीं मिलता’
दूसरे सांसद ने कहा, ”कल आतंकियों ने जिन मजदूरों को मारा, उनके परिवार के प्रति संवेदना जताता हूं। यूरोप में हम एक-दूसरे के खिलाफ कई सालों से लड़ते रहे, लेकिन अब हमने शांति से रहना सीख लिया है। यूरोप और भारत के बीच काफी मजबूत रिश्ते हैं। भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहा है। हम यहां यही स्थिति जानने आए हैं। हमने लोगों से बात की। कश्मीर के लोगों ने कहा कि केंद्र सरकार से बड़ा फंड आता है, लेकिन वह नागरिकों तक नहीं पहुंच पाता। यहां बहुत भ्रष्टाचार है।”
”हम यहां कश्मीर को लेकर जो सोच बन रही है, उसे जानने आए हैं। आतंकवाद सिर्फ भारत की नहीं, बल्कि हमारी और विश्वभर की समस्या है। हम भारत के साथ हैं। भारत यूरोप के कई देशों से बड़ा है। हम चाहते हैं कि भारत आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाए, इसमें हम उसके साथ बराबरी से खड़े हैं। हम कश्मीर की स्थिति जानने आए हैं। हम नाजीवादी नहीं हैं। हम हिटलर समर्थक नहीं हैं। हम उम्मीद करते हैं कि यूरोप को कश्मीर और भारत के बारे में हमारे द्वारा सही जानकारी मिल पाएगी।”
‘कश्मीर में सुधार के प्रयास बेहतर, लोगों से यहां घूमने को कहेंगे’
ब्रिटेन के सांसद ने कहा कि 370 भारत का आंतरिक मामला है। इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता। हमने पहले भी भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद सुलझाने की कोशिश की। यहां हमने कई लोगों से बात की। विकास के लिए अच्छा काम हो रहा है। भारत में प्रेस की आजादी अच्छी बात है। हमें लोगों ने अपनी आजादी से चुना है। हम नाजी नहीं हैं। अन्य सांसद ने कहा कि कश्मीर में सुधार के लिए सरकार जो कदम उठा रही है, वे ठीक हैं। हम यूरोप जाकर इन्हें बताएंगे। प्रतिनिधिमंडल में 8 देशों के सांसद हैं। हम यूरोप के लोगों से कश्मीर घूमने की बात कहेंगे। हमें भारत का समर्थन करना चाहिए। पाकिस्तान और वहां के अल्पसंख्यकों की स्थिति को भी यूरोप जाकर बताएंगे।
The delegation of European Union (EU) MPs arrive at Srinagar, Jammu and Kashmir.
This is the first visit by any international delegation to the Valley after abrogation of #Article370.
Read: https://t.co/azfvqc12KA
(Photos: ANI) pic.twitter.com/SmGL7HQosM
— Hindustan Times (@htTweets) October 29, 2019
ईयू सांसदों ने डल झील में शिकारे से सैर की, लोगों से मिले
ईयू के 27 सांसदों को कश्मीर जाना था, लेकिन मंगलवार को 4 दिल्ली से वापस लौट गए। बताया जाता है कि इन चारों ने बिना सुरक्षा स्थानीय लोगों से मुलाकात की मांग की थी, जिसे सरकार ने नहीं माना। सांसदों ने पहले दिन श्रीनगर में पंच-सरपंचों, छात्र-छात्राओं, महिलाओं, व्यापारियों और फल उत्पादकों से मुलाकात की। उन्होंने डल झील में शिकारे से सैर की। सेना के कमांडरों ने उन्हें कश्मीर की स्थिति की जानकारी दी। मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम और डीजीपी ने भी सांसदों को राज्य के हालात का ब्यौरा दिया। ईयू सांसदों ने सोमवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की थी।
Why the visit of European Union MPs to Kashmir makes for good optics | Kanwal Sibal | https://t.co/a6wM8Eb2wF #KashmirTourRow pic.twitter.com/Nn6VkrE1wM
— DailyO (@DailyO_) October 30, 2019
हमारे पास छिपाने को कुछ नहीं, सिर्फ दिखाने को है: भाजपा
भाजपा प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने कांग्रेस के विरोध पर कहा, ‘‘जब अनुच्छेद-370 हटा था, तब शांति-व्यवस्था के लिए कुछ जरूरी कदम उठाए गए थे। हालात सामान्य होते ही सब रोक हटा ली गई। अब हमारे पास कुछ छिपाने को नहीं, सिर्फ दिखाने को है। कश्मीर जाना है तो कांग्रेस के नेता भी फ्लाइट पकड़कर जा सकते हैं। गुलमर्ग जाएं, अनंतनाग जाएं, सैर करें, घूमें-टहलें। उन्हें किसने रोका है? देशी-विदेशी सभी पर्यटकों के लिए कश्मीर को खोल दिया गया है। ऐसे में विदेशी सांसदों के दौरे को लेकर सवाल उठाने का कोई मतलब नहीं।’’