भारत में अब एक राज्य कम होने के साथ दो नए केंद्र शासित राज्य हो गए हैं। जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन का जो नया कानून बना है, वो आधी रात के बाद से प्रभाव में आ गया है। राज्य के पुर्नगठन के प्रभाव में आने की तारीख 31 अक्टूबर रखी गई थी।
दोनों केंद्र शासित राज्यों में उपराज्यपाल की नियुक्ति हो गई। दोनों उप राज्यपालों ने शपथ भी ले ली। गिरीश चंद्र मुर्मू ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल पद की शपथ ली। राधाकृष्ण माथुर ने लद्दाख के पहले उपराज्यपाल के रूप में लेह में शपथ ली। लद्दाख बिना विधानसभा का केंद्र शाासित राज्य होगा। जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने सुबह लेह में आरके माथुर को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। पूर्व रक्षा सचिव माथुर ने सुबह 7.45 बजे लेह स्थित सिंधु संस्कृति केंद्र में आयोजित समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ ली।
#WATCH Srinagar: Girish Chandra Murmu takes oath as the first Lt. Governor of the Union territory of Jammu and Kashmir. The oath was administered by Chief Justice of J&K High Court, Gita Mittal. pic.twitter.com/SFFmBbfDMt
— ANI (@ANI) October 31, 2019
70 वर्षो की लंबी जद्दोजहद के बाद पूरे हिंदुस्तान में एक देश, एक विधान और एक निशान का सपना साकार हो गया। जम्मू-कश्मीर राज्य अतीत का हिस्सा बन गया और दो नए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख देश के नक्शे पर उभर कर आ गए। दोनों ही जगह अलग-अलग प्रशासनिक व्यवस्था होगी, जिसकी कमान राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के तौर पर उपराज्यपाल ने संभाल ली। गिरीश चंद्र मुर्मू ने केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल के तौर पर श्रीनगर स्थित राजभवन में पद और गोपनीयता की शपथ ली।
Srinagar: Girish Chandra Murmu takes oath as the first Lt. Governor of the Union territory of Jammu and Kashmir. The oath was administered by Chief Justice of J&K High Court, Gita Mittal. pic.twitter.com/UtPJHx8TAb
— ANI (@ANI) October 31, 2019
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ नौकरशाह और राज्य के अंतिम राज्यपाल सत्यपाल मलिक के प्रधान सचिव उमंग नरूला को केंद्र शासित लद्दाख के पहले उपराज्यपाल आरके माथुर का सलाहकार नियुक्त किया है। नरूला 1965 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वह जम्मू प्रांत के मंडलायुक्त भी रह चुके हैं। लद्दाख में पुलिस प्रशासन की कमान 1995 बैच के आईपीएस एसएस खंडारे को सौंपी गई है। दोनों अधिकारी 31 अक्टूबर से अपना नया कार्यभार संभालेंगे।
RK Mathur, Lieutenant Governor of the Union Territory of Ladakh, after taking oath: Development is composite, efforts will be made to carry out development work in all areas. A development package will be made, and education & health will play an important role in it. pic.twitter.com/RDZsHBsbhF
— ANI (@ANI) October 31, 2019
इसलिए चुना गया 31 अक्टूबर का दिन
6 अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को पारित किया था। इसके तहत जम्मू–कश्मीर दो अलग-अलग केंद्र शासित राज्यों जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के रूप में 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आएगा। केंद्र सरकार ने देश के पहले गृह मंत्री लौह पुरुष सरदार पटेल की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए ही जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को 31 अक्टूबर को प्रभावी बनाने का फैसला किया है। पटेल ने भारत-पाक विभाजन के बाद विभिन्न रियासतों के भारत में विलय में अहम भूमिका निभाई थी।
भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने एक देश, एक विधान और एक निशान का नारा दिया था। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के खिलाफ उन्होंने आंदोलन किया। इसी दौरान पुलिस हिरासत में उनकी मौत हो गई थी।