मुंबई : महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट से एक दिन पहले एक घंटे के भीतर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने पद से इस्तीफा दे दिया। दोनों ने 4 दिन पहले शनिवार सुबह राजभवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की मौजूदगी में पद और गोपनीयता की शपथ ली थी। फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मैं राज्यपाल को इस्तीफा देने जा रहा हूं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र ने सबसे बड़ा जनादेश भाजपा को दिया। हमें 70% और शिवसेना को 40% सीटें मिलीं। उन लोगों ने मोलभाव शुरू किया। हमने साफ कहा था कि जो बात तय ही नहीं हुई। उसकी जिद न करें।
इससे पहले मंगलवार सुबह सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के मामले में फैसला सुनाया और बुधवार शाम 5 बजे तक विधायकों की शपथ और इसके बाद फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा की बैठक हुई। इस बैठक के 2 घंटे के भीतर ही फडणवीस और अजित ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया।
Mumbai: Devendra Fadnavis submits his resignation to Governor Bhagat Singh Koshyari #Maharashtra. pic.twitter.com/0oGLYJ7qrN
— ANI (@ANI) November 26, 2019
फडणवीस ने कहा- शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की सरकार अपने ही बोझ तले दब जाएगी। शिवसेना के नेता सोनिया गांधी के नाम की कसम खा रहे थे। हमें आश्चर्य हुआ कि सत्ता के लिए वे कितने लाचार हैं।
Devendra Fadnavis: We waited for them(Shiv Sena) for a long time but they didn’t respond and instead talked to Congress-NCP. People who never stepped outside Matoshree(Thackeray residence) to meet anyone were going door to door to make government with NCP and Congress pic.twitter.com/K28Lhb241a
— ANI (@ANI) November 26, 2019
फडणवीस ने कहा कहा- जनता ने हमारे गठबंधन को बहुमत दिया था और भाजपा को संपूर्ण जनादेश दिया और सबसे बड़े दल के नाते 105 सीटें मिलीं। यह जनादेश भाजपा के लिए था। हमने 70% सीटें जीतीं। शिवसेना सिर्फ अपनी 40% सीटें जीतीं। गठबंधन को जनादेश था ही, लेकिन भाजपा के लिए यह बड़ा जनादेश था। इसका सम्मान करते हुए हमने सरकार बनाने की कोशिश की। दुर्भाग्य यह कि जो बात कभी तय नहीं हुई थी, यानी मुख्यमंत्री पद शिवसेना को देने का प्रस्ताव, उसकी बात होती रही। नंबर गेम में अपनी बारगेनिंग पावर बढ़ सकती है, यह सोचकर उन लोगों ने मोलभाव शुरू किया।
Ahead of floor test, Ajit Pawar tenders resignation from Deputy CM post
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना की भी बैठक हुई, इसमें शाम 5 बजे गठबंधन का नेता चुने जाने का फैसला लिया गया। कांग्रेस ने बाला साहेब थोराट को प्रोटेम स्पीकर बनाने की मांग की है। कांग्रेस ने कहा कि वे विधानसभा में सबसे वरिष्ठ नेता हैं। थोराट 8 बार के विधायक हैं। थोराट को कांग्रेस विधायक दल का नेता भी चुना गया है। राकांपा ने जयंत पाटिल को विधायक दल का नेता चुना है।
Devendra Fadnavis announces his resignation as Maharashtra’s chief minister, hours after the Supreme Court ordered a floor test in the state assembly
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राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा- यह गलत सूचना फैलाई जा रही है कि अजित राकांपा के विधायक दल के नेता हैं, जो सभी राकांपा विधायकों को शक्ति परीक्षण में भाजपा को वोट करने के लिए व्हिप जारी करेंगे। मैंने कई संविधान विशेषज्ञों से विचार किया है। मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि अजित को पद से हटा दिया है। उनके पास विधायकों को व्हिप जारी करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है । अवैध तरीके से सत्ता पर कब्जा करने वालों को अब हटना होगा।
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा- अजित दादा ने इस्तीफा दे दिया है। वे हमारे साथ हैं। उद्धव ठाकरे पांच साल के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होंगे। होटल में विधायकों की परेड को आप शक्ति प्रदर्शन कहते हैं, उसे हम शक्ति प्रदर्शन नहीं कहते हैं। हम देश की जनता को दिखाना चाहते हैं, महाराष्ट्र की जनता को दिखाना चाहते हैं, राष्ट्रपति भवन और राजभवन को दिखाना चाहते हैं और जिसने चोरी-छिपे मुख्यमंत्री की शपथ ली उसे भी दिखाना चाहते हैं। आपने संविधान की हत्या की है बहुमत हमारे पास है इस देश का नारा सत्यमेव जयते हैं, लेकिन आपने सत्यमेव जयते की भी हत्या की है। मैं यह पूछना चाहता हूं कि क्या बाबा साहब ने संविधान इसलिए बनाया था कि बहुमत की हत्या करें।
सोमवार रात को विपक्षी दलों के 162 विधायकों ने मुंबई के ग्रैंड हयात होटल में एक साथ पहुंच शक्ति प्रदर्शन किया। इसमें तीनों पार्टियों के प्रमुख नेता शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, राकांपा प्रमुख शरद पवार, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मलिकार्जुन खड़गे और प्रदेश अध्यक्ष बालासाहब थोराट शामिल हुए।