- देश

महाराष्ट्र विधानसभा सत्र में उद्धव ठाकरे ने 169 वोटों से विश्वास मत हासिल किया

मुंबई : विधानसभा के विशेष सत्र में शनिवार को महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (शिवसेना-राकांपा और कांग्रेस) सरकार ने 169 वोटों से विश्वास मत (फ्लोर टेस्ट) हासिल कर लिया। कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने सदन में प्रस्ताव पेश किया। भाजपा ने इस सत्र पर सदन में आपत्ति जताई और विश्वास मत से पहले उसके 105 विधायकों ने वॉकआउट किया। जबकि वोटिंग के दौरान एआईएमआई, माकपा और मनसे के 4 विधायक तटस्थ रहे। सरकार के विरोध में कोई वोट नहीं पड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वंदे मातरम् के बिना अधिवेशन कैसे शुरू हो गया? यह अधिवेशन नियमों के खिलाफ है, इसलिए राज्यपाल से सत्र की कार्यवाही रद्द करने की मांग करेंगे। इस दौरान गठबंधन के विधायकों ने उनकी हूटिंग की।

भाजपा सदस्यों ने भी नारेबाजी की। गठबंधन ने पूरी उपस्थिति के लिए व्हिप जारी किया था। वहीं, स्पीकर के पद के लिए कांग्रेस की तरफ से नाना पटोले और भाजपा के किसन कठोरे उम्मीदवार होंगे। इसके लिए रविवार को चुनाव होगा। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बहुमत साबित करने के लिए उद्धव ठाकरे को 3 दिसंबर तक का वक्त दिया था। गठबंधन में शामिल तीनों दलों के पास 154 विधायक हैं, सरकार को इससे 15 वोट ज्यादा मिले। बहुजन विकास अघाड़ी और समाजवादी पार्टी ने सरकार का समर्थन किया।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विश्वास मत के बाद कहा, सदन का आभार व्यक्त करता हूं। मैं पहली बार सदन में आया हूं। शपथ ग्रहण में अपने माता-पिता और महापुरुषों का नाम लेने में क्या बुराई है। अगर यह गुनाह है तो मैं इसे बार-बार करूंगा। शिवाजी हमारे भगवान हैं। मैं सामने से लड़ने वालों में से हूं। मतभेद होते हैं लेकिन यहां पर गलत ढंग से मतभेद को रखने की कोशिश हुई। मुझे उस महाराष्ट्र की जरूरत है जो साधु संतों का है, वीरों का है, महापुरुषों का है।

विधानसभा की कुल सीटें: 288/बहुमत: 145 
सरकार के समर्थन में: 169

दल विधायकों का समर्थन
शिवसेना 56
राकांपा 54
कांग्रेस 44
बहुजन विकास अघाड़ी 3
समाजवादी पार्टी 2
अन्य 10
कुल 169

(नोट: भाजपा के 105 विधायकों ने वॉकआउट किया। उन्होंने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के 2, माकपा और मनसे के एक-एक (कुल 4) विधायक वोटिंग में तटस्थ रहे)

पाटिल ने फ्लोर टेस्ट से पहले कहा- नियम के अनुसार पहले विधानसभा अध्यक्ष के पद का चुनाव होता है। इसके बाद फ्लोर टेस्ट किया जाता है, लेकिन यहां फ्लोर टेस्ट पहले हो रहा है और विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कल होगा। विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव सीक्रेट बैलेट से न कर खुले रूप से करने का प्रयास किया जा रहा है। अगर आपके पास 170+ विधायक हैं, तो आप डरते क्यों हैं? सीक्रेट बैलेट करवाइए, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। मैं चैलेंज देता हूं कि अगर सीक्रेट बैलेट से चुनाव करवाएंगे तो वे अपना विधानसभा अध्यक्ष नहीं चुन पाएंगे। हम प्रमुख विरोधी पक्ष के रूप में बहुत प्रभावी ढंग से काम करेंगे।

महाराष्ट्र के अभी तक के इतिहास में कोई भी सरकार फ्लोर टेस्ट में फेल नहीं हुई है। पिछले दिनों बने राजनीतिक घटनाक्रम में देवेंद्र फडणवीस के फ्लोर टेस्ट में फेल होने की स्थिति बन रही थी, लेकिन उन्होंने सदन में शक्ति परीक्षण से पहले ही हार मान ली और राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। फडणवीस के सरकार बनाने के बाद शिवसेना ने राज्यपाल के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट के जल्द बहुमत सिद्ध करने के फैसले के बाद देवेंद्र फडणवीस ने शपथ के 80 घंटे बाद इस्तीफा दे दिया। फडणवीस के इस्तीफे के बाद छत्रपति शिवाजी स्टेडियम में 28 नवंबर को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *