नई दिल्ली : सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे देश के नए सेनाध्यक्ष होंगे। नरवणे, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और नौसेना अध्यक्ष करमबीर सिंह तीनाें ने एनडीए से 56वां काेर्स एक साथ किया था। लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे काे ऑपरेशन और कमांड का लंबा अनुभव है। सितंबर में ही वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ की जिम्मेदारी संभाली थी। वे जनरल रावत के बाद सबसे सीनियर अफसरों में से एक हैं।
Lt Gen Manoj Mukund Naravane to be the next Chief of Army Staff pic.twitter.com/hY61oukshB
— DD India – English News (@DDIndiaLive) December 16, 2019
जनरल नरवणे ईमानदार और धीर-गंभीर अफसर हैं। नरवणे ही वे आर्मी कमांडर हैं, जिन्होंने डाेकलाम संकट के समय चीन को उसकी हद बताई थी। वे अपनी त्वरित निर्णय क्षमता और काेई भी फैसला लेने से पहले अपने साथियाें काे सुनने की जबर्दस्त याेग्यता के लिए पहचाने जाते हैं। जब वे असम राइफल्स में इंस्पेक्टर जनरल (नाॅर्थ) थे, उस वक्त मुझे उनका साथ मिला। वे सिर्फ प्रासंगिक मामलाें पर फाेकस करते हैं और अप्रासंगिक मामलाें से विचलित नहीं हाेते।
मैंने उनसे सेना के आधुनिकीकरण काे लेकर बात की थी, तब उन्हाेंने पुरजाेर तरीके से हिमायत की थी कि हमें स्वदेशीकरण करना चाहिए। चूंकि हमारे पास तकनीक है, सुव्यवस्थित आर्डिनेंस फैक्ट्रियां हैं और निजी क्षेत्र की क्षमताएं हैं, इसलिए हमें काेई आयात नहीं करना चाहिए। हमें न सिर्फ आत्मनिर्भर हाेना चाहिए, बल्कि निर्यात भी करना चाहिए। नरवणे मृदुभाषी हैं। वे जाे चाहते हैं, उसे करने में अपनी पूरी याेग्यता झाेंकते देखा है। वे सिर्फ पेशेवर हैं और इसमें उनकी स्कूल टीचर पत्नी उतना ही सहयाेग करती हैं। -ले. जनरल (रि .) संजय कुलकर्णी, (सियाचिन जाने वाले पहले सैन्य अफसर)
सिख लाइट इफेंट्री रेजीमेंट से कमीशन
- 37 साल की सेवा में नरवणे जम्मू-कश्मीर और पूर्वाेत्तर में तैनात रह चुके हैं।
- नेशनल डिफेंस एकेडमी और इंडियन मिलिट्री एकेडमी के छात्र रहे हैं।
- सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल और अति विशिष्ट सेवा मेडल से अंलकृत हाे चुके हैं।
- कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन और पूर्वी मोर्चे पर इन्फैन्टियर ब्रिगेड की कमान संभाल चुके हैं।