भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई के अध्यक्ष और पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने कहा है कि उनकी बेटी सना गांगुली को नागरिकता संशोधन क़ानून यानी सीएए पर मची बहस से बाहर रखें.
गांगुली ने ट्वीट किया, इस पूरे मामले से सना को बाहर रखें.. ये पोस्ट सही नहीं है.. राजनीति के बारे में जानने के लिए उनकी उम्र काफ़ी कम है.
Please keep Sana out of all this issues .. this post is not true .. she is too young a girl to know about anything in politics
— Sourav Ganguly (@SGanguly99) December 18, 2019
इससे पहले, सना गांगुली ने शेयर किया है, जिसमें उन्होंने ख़ुशवंत सिंह की किताब ‘द एंड ऑफ़ इंडिया’ के एक अंश का ज़िक्र किया.
इंस्टाग्राम स्टोरी में सना ने लिखा, हर फासीवादी शासन के फलने-फूलने के लिए ऐसे समुदायों और समूहों की ज़रूरत होती है जिनपर वो अत्याचार कर सके. इसकी शुरुआत एक या दो समूहों से होती है, लेकिन यह कभी ख़त्म नहीं होती.
BCCI President @SGanguly99‘s daughter Sana Ganguly just won my heart by this post. Incredible maturity from an 18 year old. pic.twitter.com/wQN5eyfY6G
— Aparna (@chhuti_is) December 17, 2019
नफ़रत के आधार पर पनपा आंदोलन तभी तक चल सकता है जब तक भय और संघर्ष का माहौल बना हो. आज हम में से जो लोग यह सोच कर ख़ुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं कि वो मुसलमान या ईसाई नहीं हैं, वो मूर्खों की दुनिया में जी रहे हैं.