जोधपुर : वायुसेना ने अपने चार दशक पुराने बहादुर यानि फाइटर जेट मिग-27 को अलविदा कह दिया। शुक्रवार को जोधपुर बेस से मिग-27 को रिटायर किया गया। विदाई समारोह में सभी सात विमानों ने आखिरी उड़ान भरी। मिग-27 के 50 पूर्व पायलट्स भी फाइटर प्लेन की अंतिम उड़ान के दौरान मौजूद थे। समारोह में सबसे पहले वायु सैनिकों ने परेड की। इसके बाद एक-एक कर सात मिग-27 अपनी अंतिम उड़ान पर रवाना हुए। उनके साथ ही, सूर्यकिरण विमानों ने उड़ान भरी। वेस्टर्न कमांड के चीफ एयर मार्शल बी सुरेश के नेतृत्व में सभी सात मिग-27 ने कम ऊंचाई पर अलग-अलग फॉर्मेशन बनाकर आखिरी बार अपना जलवा दिखाया। अंतिम उड़ान से बेस पर लौटने के बाद सभी सात मिग-27 को वाटर कैनन की सलामी दी गई।
#AdieuMiG27
"Her targets met
Her promises kept
And all her duties done,
On she goes
All haloed and pretty
Into the setting sun."Indian Air Force salutes the mighty MiG 27 for its yeoman service to the Nation. pic.twitter.com/ptP3cMEXKs
— Indian Air Force (@IAF_MCC) December 27, 2019
अंतिम उड़ान से लौटने के बाद सभी मिग-27 विमान के पायलट्स ने इसकी उड़ान डायरी और फार्म-700 जोधपुर एयरबेस के कमांडर फिलिप थामस को सौंपे। उन्होंने एओसी इन सी एयर मार्शल एसके गोटिया को यह सारे कागजात सौंपे। फिर विमानों के औपचारिक रूप से रिटायर होने की प्रक्रिया पूरी हुई। दरअसल, प्रत्येक विमान की एक डायरी होती है। इस डायरी में सम्बन्धित विमान की पहली उड़ान भरने से लेकर आखिर तक की संपूर्ण जानकारी होती है। वहीं, फार्म 700 को रिटायरमेंट पर भरा जाता है।
This formidable ground attack fighter aircraft has served the Nation for over three decades. Inducted in 1985, MiG-27 has been the mainstay of IAF's ground attack capability. It has participated in all major #IAF operations and has played a stellar role in the 1999 Kargil War. pic.twitter.com/sHke9FCEKI
— Indian Air Force (@IAF_MCC) December 26, 2019
वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि सभी सात मिग-27 फिलहाल जोधपुर एयर बेस पर ही खड़े रहेंगे। इनके रिटायरमेंट की जानकारी रक्षा मंत्रालय को भेजी जाएगी। रक्षा मंत्रालय कई बार विभिन्न शहरों या संस्थानों में प्रतीक के तौर पर पुराने विमानों को प्रदर्शन के लिए रखने के लिए उपलब्ध कराता है। रक्षा मंत्रालय के निर्देश पर अगर इन विमानों को कहीं भेजा जाता है तो भेजने से पहले इसके महत्वपूर्ण कलपुर्जे बाहर निकाल लिए जाएंगे।
जोधपुर एयरबेस स्क्वाड्रन नंबर 29, स्कॉर्पियो का 65 साल पुराना सफर अस्थाई तौर पर आज थम गया। जब नए फाइटर आएंगे तब ये स्क्वाड्रन दोबारा ऑपरेशनल हो जाएगी। इस स्क्वाड्रन की स्थापना 10 मार्च 1958 को हलवारा (पंजाब) में की गई थी। उस समय इसमें ऑरेंज तूफानी विमान थे। इसके बाद निरंतर विमान बदलते रहे, जिनमें मिग 21 टाइप 77, मिग 21 टाइप 96, मिग 27 एमएल, मिग 27 अपग्रेड थे। मिग 27 को 2006 के बाद अपग्रेड किया गया था।