भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस (Fighter jet tejas) ने शनिवार को पहली बार नौसेना (navy) के एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य (INS Vikramaditya) पर सफल अरेस्टेड लैंडिंग(Arrested Landing) की। रक्षा शोध और विकास संगठन (DRDO) के अधिकारियों ने बताया कि कमांडर जयदीप मावलंकर ने यह लैंडिंग कराई। इससे नौसेना की ऑन डेक ऑपरेशन की क्षमताएं बढ़ेंगी।
After completing extensive trials on the Shore Based Test Facility, DRDO, ADA developed LCA Navy did an arrested landing on INS Vikramaditya succesfully today 11 jan 2020 at 10:02 hours. Commodore Jaideep Maolankar did the maiden landing.
— DRDO (@DRDO_India) January 11, 2020
इस अरेस्टेड लैंडिंग के बाद नौसेना के लिए डबल इंजन तेजस विकसित करने का रास्ता साफ हो गया है। यह पहला मौका है, जब आईएनएस पर कोई स्वदेशी लड़ाकू विमान ने लैंडिंग की। तेजस ने पिछले साल 13 सितंबर को नौसेना में शामिल होने के लिए एक बड़ा परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया था। डीआरडीओ और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के अधिकारियों ने गोवा की तटीय टेस्ट फैसिलिटी में तेजस की अरेस्टेड लैंडिंग कराई थी। तेजस यह मुकाम पाने वाला देश का पहला एयरक्राफ्ट बना गया था। इस लड़ाकू विमान को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी ने डिजाइन और विकसित किया। तेजस भारतीय वायुसेना की 45वीं स्क्वाड्रन ‘फ्लाइंग ड्रैगर्स’ का हिस्सा है।
The Naval Light Combat Aircraft made its first successful landing on the aircraft carrier INS Vikramaditya. The Defence Research and Development Organisation (DRDO)-developed fighter aircraft is expected to attempt its maiden take off from the carrier soon. https://t.co/6n4ntkQXul pic.twitter.com/M1YMfMd6pk
— ANI (@ANI) January 11, 2020
क्या है अरेस्टेड लैंडिंग?
नौसेना में शामिल किए जाने विमानों के लिए दो चीजें सबसे जरूरी होती हैं। इनमें एक है उनका हल्कापन और दूसरा अरेस्टेड लैंडिंग। कई मौकों पर नेवी के विमानों को युद्धपोत पर लैंड करना होता है। चूंकि, युद्धपोत एक निश्चित भार ही उठा सकता है, इसलिए विमानों का हल्का होना जरूरी है। इसके अलावा आमतौर पर युद्धपोत पर बने रनवे की लंबाई निश्चित होती है। ऐसे में फाइटर प्लेन्स को लैंडिंग के दौरान रफ्तार कम करते हुए, छोटे रनवे में जल्दी रुकना पड़ता है। यहां पर फाइटर प्लेन्स को रोकने में अरेस्टेड लैंडिंग काम आती है।