भोपाल : मप्र एसटीएफ ने भारतीय वायु सेना (Indian Air force) के एक विंग कमांडर और उसके एक डॉक्टर दाेस्त को गिरफ्तार किया है। विंग कमांडर ने अपने डॉक्टर दोस्त को प्रदेश के चिकित्सा विश्वविद्यालय (Medical University) में कुलपति नियुक्त कराने के लिए राज्यपाल को गृहमंत्री अमित शाह के नाम पर फोन किया था। स्पेशल टास्क फोर्स के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अशोक अवस्थी (ADGP Ashok Awasthi) के अनुसार विंग कमांडर कुलदीप वाघेला (Wing Commander Kuldeep Vaghela) और डॉ. चंद्रेश कुमार शुक्ला (Dr. Chandresh Kumar Shukla) को गिरफ्तार किया गया है।
एसटीएफ के अनुसार डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (DCI) के मप्र सदस्य डॉ. चंद्रेश शुक्ला ने एयरफोर्स के विंग कमांडर कुलदीप वाघेला (पूर्व राज्यपाल रामनरेश यादव के एडीसी) से मप्र के राज्यपाल को फर्जी कांफ्रेंस कॉल करवाया है। इसके लिए डॉ. शुक्ला देश के गृहमंत्री का पीए बने और वाघेला को गृहमंत्री बता दिया। राज्यपाल लालजी टंडन जैसे ही फोन लाइन पर आए, वाघेला ने अमित शाह बनकर कहा- ‘चंद्रेश ने मप्र आयुर्विज्ञान विवि के कुलपति के लिए इंटरव्यू दिया है, इनकी मदद करनी है।’ शक होने पर उन्होंने इस कॉलर की पड़ताल करवाई तो डॉ. चंद्रेश की धोखाधड़ी सामने आ गई। राज्यपाल के एडीसी की शिकायत पर एसटीएफ ने विंग कमांडर और डॉ. चंद्रेश को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने धोखाधड़ी और प्रतिरूपण का केस दर्ज कर दोनों को तीन दिन की रिमांड पर लिया है। एडीजी एसटीएफ अशोक अवस्थी ने बताया कि साकेत नगर निवासी डॉ. चंद्रेश शुक्ला ने मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर में कुलपति पद के आवेदन किया था। कुलपति के लिए चयन प्रक्रिया की अधिसूचना 29 जुलाई 2019 को मप्र राजभवन से जारी हुई थी।
पेशे से डेंटल सर्जन डॉ. चंद्रेश (Dental Surgeon Dr. Chandresh) का सर्च कमेटी ने बीती तीन जनवरी को इंटरव्यू भी लिया। अपनी सिफारिश के लिए उन्हें किसी ऐसे बड़े राजनेता की तलाश थी, जिसकी बात को राज्यपाल भी टाल न सकें। इसलिए उन्होंने एयरफोर्स हेडक्वार्टर, नई दिल्ली में पदस्थ अपने दोस्त कुलदीप वाघेला (विंग कमांडर) को कॉल किया। दोनों में हुई बातचीत के दौरान तय हुआ कि केंद्रीय गृहमंत्री की ओर से पैरवी कराने पर बात बन सकती है। इसलिए बीती तीन जनवरी की दोपहर राज्यपाल को ये कॉल किया गया। डॉ. चंद्रेश ने अपने मोबाइल नंबर से पहले वाघेला को लाइन पर लिया। इसके बाद राज्यपाल के लैंडलाइन नंबर पर कॉल कर पीए से खुद को केंद्रीय गृहमंत्री का पीए बताया। कहा अमित शाह जी बात करना चाह रहे हैं। राज्यपाल जैसे ही फोन लाइन पर आए तो विंग कमांडर ने उनसे बात शुरू की। कहा- चंद्रेश का कुलपति के लिए इंटरव्यू (Vice Chancellor Interview) हुआ है, इनकी मदद करनी है।
विंग कमांडर की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ को एयर फोर्स चीफ से इजाजत लेनी पड़ी। वाघेला पूर्व राज्यपाल रामनरेश यादव के एडीसी भी रह चुके हैं। उनकी गिरफ्तारी की सूचना के बाद एयरफोर्स की एक टीम शुक्रवार शाम एसटीएफ मुख्यालय भी पहुंची और पूरी कार्रवाई का ब्यौरा लिया।
भारतीय दंत चिकित्सा परिषद की सदस्यता के लिए हुए चुनाव में डॉ. चंद्रेश पर गड़बड़ी के आरोप लगे थे। चुनाव में प्रत्याशी और शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. देशराज जैन ने डॉ. चंद्रेश शुक्ला पर चुनाव में गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगाए थे। डॉ. जैन ने इंदौर हाईकोर्ट (Indore high court) में एक याचिका भी दायर की थी। डॉ. चंद्रेश साकेत नगर में डेंटल वर्ल्ड नाम से क्लीनिक संचालित करते हैं।
एसपी एसटीएफ भोपाल राजेश सिंह भदौरिया के मुताबिक 3 जनवरी को ये कॉल करीब 2.14 मिनट की थी। इस दौरान राज्यपाल को शक हो गया कि बात करने वाला केंद्रीय गृहमंत्री नहीं है। उनके कहने पर राजभवन सचिवालय ने केंद्रीय गृहमंत्री कार्यालय से संपर्क किया तो खुलासा हो गया कि ये कॉल फर्जी व्यक्ति ने किया है। एडीसी राजभवन की शिकायत पर एसटीएफ ने अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी और प्रतिरूपण की धारा (Fraud and impersonation clause) में केस दर्ज कर लिया।
जांच में सामने आया कि फोन नंबर डॉ. चंद्रेश का था, जिससे विंग कमांडर के मोबाइल नंबर को कांफ्रेंस पर लिया गया था। एसटीएफ ने उन्हें अदालत में पेश किया और 13 जनवरी तक पुलिस रिमांड पर ले लिया है।