यूनाइटेड नेशंस (UN) ने 2019-20 में भारत की जीडीपी (GDP) ग्रोथ का अनुमान 7.6% से घटाकर 5.7% कर दिया है। यूएन ऐसी 7वीं संस्था है, जिसने भारत का ग्रोथ प्रोजेक्शन घटाया है। इससे पहले वर्ल्ड बैंक, आरबीआई, एसबीआई, एडीबी, मूडीज और नॉमूरा ने भी ग्रोथ प्रोजेक्शन कम किया था। हालांकि, यूएन का अनुमान सरकार और आरबीआई के 5% के अनुमान से 0.7% ज्यादा है। यूएन का प्रोजेक्शन ऐसे समय सामने आया है, जब चीन ने भी विकास दर के आंकड़े जारी किए हैं। अमेरिका से ट्रेड वॉर की वजह से चीन की ग्रोथ 2019 में 6.1% रही। यह 30 साल में सबसे कम है। फिर भी भारत की अनुमानित ग्रोथ से 1.1% ज्यादा है.
एसबीआई (SBI) की रिसर्च रिपोर्ट ईकोरैप में यह आशंका जताई गई है। इसके मुताबिक 2018-19 में देश में 89.7 लाख रोजगार बढ़े, लेकिन 2019-20 में इस आंकड़े में 15.8 लाख की कमी आ सकती है। ईपीएफओ के आंकड़ों में 15,000 रुपए तक वेतन वाले काम शामिल होते हैं। आर्थिक मामलों पर रिसर्च करने वाली संस्था सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के मुताबिक, 13 जनवरी 2020 की स्थिति के अनुसार देश में बेरोजगारी दर 7.6% है। सरकार ने भी एनएसएसओ की रिपोर्ट में कहा था कि बेरोजगारी दर 2017-18 में 6.1% थी। यह 45 साल में सबसे ज्यादा है।
दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 7.35% रही। यह जुलाई 2014 के बाद सबसे ज्यादा है। सब्जियों खासकर प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से दिसंबर में महंगाई दर ज्यादा प्रभावित हुई। सब्जियां दिसंबर में 60.5% महंगी हुईं। दालों की कीमतों में 15.44% इजाफा हुआ।
सेंसेक्स पहली बार 42,000 के ऊपर है। पिछले दिनों कुछ बड़ी गिरावटों के बावजूद सेंसेक्स बीते डेढ़ महीने में 1000 अंक के फायदे में रहा है। 27 नवंबर को 41000 पर था। विश्लेषकों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों की खरीदारी से बाजार में तेजी आ रही है। इस महीने विदेशी निवेशकों ने अब तक करीब 524 करोड़ रुपए का नेट इन्वेस्टमेंट किया है।