जयपुर : राजस्थान विधानसभा ने शनिवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रस्ताव पास किया। केरल और पंजाब के बाद अब राजस्थान तीसरा ऐसा राज्य बन गया है जिसकी विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पास किया गया है। राजस्थान विधानसभा में सीएए के साथ ही एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ भी प्रस्ताव पास हो गया है। राजस्थान तीनों कानूनों के खिलाफ ऐसा करने वाला पहला राज्य है। इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही को 10 फरवरी सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
#Rajasthan Assembly has passed a resolution today against the #CAA and we have urged the Central govt to repeal the law as it discriminates against people on religious grounds, which violates the provisions of our Constitution.
1/— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 25, 2020
विधानसभा के चौथे सत्र के दूसरे दिन शनिवार को जब सदन में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया गया तो विपक्ष ने जमकर विरोध किया। भाजपा सदस्य वेल में चले आए और सीएए के समर्थन में नारे लगाए। इससे पहले एससी-एसटी आरक्षण को बढ़ाने वाला 126वां संशोधन प्रस्ताव पारित किया गया। केरल विधानसभा ने 31 दिसंबर 2019 और पंजाब विधानसभा ने 17 जनवरी को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास किया था।
राजस्थान विधानसभा में सीएए के खिलाफ पेश प्रस्ताव में कहा गया कि संसद द्वारा अनुमोदित सीएए के जरिए धर्म के आधार पर अवैध प्रवासियों को निशाना बनाया गया है। धर्म के आधार पर ऐसा भेदभाव ठीक नहीं है। यह संविधान की धर्मनिरपेक्ष वाली मूल भावना के खिलाफ है। यही कारण है कि सीएए के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रस्ताव में एनआरसी और असम का भी जिक्र किया गया है।
विधानसभा में बहस के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, ‘जब संसद ने यह कानून (सीएए) पारित कर दिया तो फिर आप इसे लागू क्यों नहीं कर रहे हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि यह कानून तो आपको लागू करना ही पड़ेगा। दुनिया की कोई ताकत इसे नहीं रोक सकती।