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लापरवाही से परेशान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को फिर पूरे देश से अपील की कि लॉकडाउन को गंभीरता से लें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर रविवार को सुबह 7 से रात 9 बजे तक पूरे देश में जनता कर्फ्यू लागू किया गया। लेकिन, दोपहर होते-होते कई हिस्सों में इसका असर कम हो गया। जिस संक्रमण से बचने के लिए जनता कर्फ्यू और राज्यों में लॉकडाउन लागू किया गया, उसी से बेपरवाह होकर लोग सड़कों पर उतर आए। नतीजा यह हुआ कि इस लापरवाही से परेशान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को फिर पूरे देश से अपील की कि लॉकडाउन को गंभीरता से लें। इसी लापरवाही और गंभीरता के चलते पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह को धारा 144 और लॉकडाउन लागू करने के बाद आखिरकार कर्फ्यू का ऐलान करना पड़ा। अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि अधिकारी लॉकडाउन का सख्ती से पालन करवाएं और नियम तोड़ने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाए।

जनता कर्फ्यू के दिन यानी 22 मार्च को दैनिक भास्कर ने रियल टाइम में मुंबई का हाल जाना। इस दौरान ओशिवारा, मलाड, गोरेगांव, गुलशननगर जैसे कई इलाकों में लोग सड़कों पर क्रिकेट और फुटबॉल खेलते हुए नजर आए। कई जगहों पर युवा बाइकों पर ट्रिपलिंग कर रहे थे और स्टंट कर रहे थे। लोगों से पूछा गया कि जनता कर्फ्यू में बाहर क्यों है, तो जवाब मिला यह देखने निकले हैं कि कोई दूसरा तो बाहर नहीं है। कुछ लोगों का जवाब यह था कि जिंदगी और मौत ऊपरवाले के हाथ में है, कोरोना वायरस के हाथ में नहीं। इस तरह की सोच से कोरोना के संक्रमण की चेन तोड़ने का जो उद्देश्य देश के सामने है, वह पूरा होना मुश्किल लग रहा है।
पंजाब में कर्फ्यू
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को पूरे पंजाब में 31 मार्च तक कर्फ्यू लागू कर दिया। अमरिंदर ने कहा कि कर्फ्यू में किसी भी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी। संक्रमण रोकने के लिए राज्य में धारा 144 लगाई गई थी, फिर लॉकडाउन कर दिया गया था, लेकिन इसका असर दिखाई नहीं दिया और नए केस सामने आते रहे। मजबूरन सरकार को कर्फ्यू लगाना पड़ा।

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